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आखिर! हफ्ते भर बाद दर्ज हुआ एनसीआर, लेकिन पुलिस ने संज्ञेय अपराध क्यों नहीं माना?

दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल में फोरम4 के संपादक प्रभात से स्टाफ ने 7 जून को बदसलूकी और मारपीट की थी। इस संबंध में नॉर्थ एवन्यू, नई दिल्ली थाना की पुलिस ने काफी टालमटोल के बाद 13 जून को असंज्ञेय अपराध (एनसीआर) के रूप में मामला दर्ज किया है। इस संबंध में प्रभात ने पुलिस उपायुक्त नई दिल्ली को एक पत्र लिखकर मामले में संज्ञेय अपराध की प्रथम सूचना दर्ज़ कर विवेचना का आदेश दिये जाने की बात कही है।

मालूम हो कि दिल्ली में 7 जून को बेड संबंधी पूछताछ के दौरान वीडियो रिकॉर्ड करने को लेकर फोरम4 के संपादक प्रभात से आरएमएल हॉस्पिटल के अंदर मारपीट की गई है। घटना यानी 7 जून की सुबह करीब 1.45 (पूर्वाहन) की है। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने काफी रोष जताया।

क्या है पूरा मामला

यह घटना तब हुई जब प्रभात जीटीबी हॉस्पिटल में भर्ती मरीज के संबंध में आरएमएल हॉस्पिटल बेड खाली होने की जानकारी लेने गए थे। क्योंकि मरीज को आरएमएल हॉस्पिटल में रेफर किया गया था और मरीज को लगातार आक्सीजन की जरूरत थी। इसलिए मरीज के कहने पर वे आरएमएल आये थे। पूछताछ करने के दौरान उन्होंने मरीज को भर्ती करने से मना किया और कारण दिया कि बेड खाली नहीं है। इसी बात को कहते हुए पीपीई किट पहने व्यक्ति की वीडियो मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। इसके तुरंत बाद पीपीई किट वाला व्यक्ति चिल्लाने लगा कि रिकॉर्ड किया है इसने पकड़ लो। आसपास के गेट पर मौजूद सभी ने पकड़ने और मारने की कोशिश की। हालांकि प्रभात के साथ एक साथी और भी थे। जो गेट पर ही रुके थे। प्रभात ही अंदर हॉस्पिटल में पता करने गए थे। ऐसे में वे साथी को बुलाते हुए 4 नंबर गेट तक दौड़कर पहंच गए थे। लेकिन तब तक रिकार्ड हुए पीपीई किट पहने व्यक्ति के साथ 2-3 बाउंसर और 4 नंबर गेट और उसके बगल में ड्यूटी कर रहे गार्ड ने आकर मोबाइल और बैग छान लिया। बैग में फोरम4 की माइक आईडी वगैरह भी थी। मोबाइल से रिकार्डेड वीडियो डिलीट करने के साथ ही अन्य पहले के वीडियो जो बनाए हुए थे, जिसका इस घटना से संबंध नहीं था। उसे भी डिलीट कर दिया। और जो साथी गेट पर थे। उन्हें डंडे से भगाकर एक कोने में कर दिया था। इसके बाद प्रभात को उनमें से 2-3 लोगों ने डंडे से पीटा भी। साथी के कहने पर कि इन्हें मत मारो आप बाकी वीडियो डिलीट कर दो या फिर पुलिस कंप्लेंट कर दो, नहीं माने। यहां तक कि यह बताने पर कि हम पत्रकार हैं। गाली गलोज भी किया। इसके बाद थोड़ी देर में उन्हें छोड़ा गया।

मारपीट की घटना के 15-20 मिनट बाद 100नं पर घटनाक्रम की सूचना दी गई। उन्होंने आकर घटना के संबंध में पूछताछ की। इसके बाद नार्थ एवन्यू थाने पुलिस से शिकायत की गई।

पुलिस उपायुक्त को पत्र लिखकर अवगत कराया

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), नई दिल्ली को लिखे पत्र में प्रभात ने बताया है कि उन्होंने संज्ञेय अपराध अन्तर्गत धारा 147,149,323 आईपीसी एवं आईटी एक्ट की धारा 65 की प्रथम सूचना दिनांक 07/06/2020 नॉर्थ एवेन्यू थाने पर दिया। लेकिन पुलिस की ओर से संज्ञेय अपराध की प्रथम सूचना का अल्पीकरण करके एनसीआर नं. 0001/2020 दिनांक 13/06/2020 अन्तर्गत धारा 323 आईपीसी गलत तौर पर दर्ज़ किया गया है।

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Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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