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अब गृह मंत्रालय के इस आदेश के बाद प्रवासी मजदूर, छात्र, पर्यटक अपने घर जा सकेंगे!

तस्वीर- गूगल साभार

देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 1813 नए मामले सामने आए हैं और 71 लोगों की मौत हो गई है, जो अब तक एक दिन में मौतों का सर्वाधिक आंकड़ा है। भारत में 31787 कुल संक्रमण के मामले अब तक सामने आए हैं। 1008 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। पूरे विश्व में 185 देशों में अब तक 31 लाख 57 हजार 459 कोरोना संक्रमण के मामले सामने है। 2 लाख 18 हजार 727 लोगों की मौत हो चुकी है।

लॉकडाउन के दौरान फंसे मजदूरों, पर्यटकों व छात्रों आदि को घर जाने की अनुमति

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लंबी जद्दोजहद के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऐसे लोगों को घर जाने की अनुमति दे दी है जो लॉकडाउन के चलते अपने घर से दूर या बाहरी राज्यों में फंसे हुए हैं। हालांकि, मंत्रालय ने अनुमति देने के साथ ही कुछ शर्तें भी लागू की हैं, जिनका पालन किया जाना अनिवार्य होगा। बता दें कि देश में कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए तीन मई तक लॉकडाउन जारी है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसकी वजह से प्रवासी मजदूर, बाहर पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राएं आदि वहीं फंस गए थे और लंबे समय से घर वापस पहुंचाने की मांग कर रहे थे।

मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से फंसे प्रवासी मजदूरों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों और छात्रों आदि को वापस जाने की अनुमति दी जाती है। इसके लिए इन्हें कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा।

सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश नोडल अधिकारी नियुक्त करें और ऐसे व्यक्तियों को भेजने या प्राप्त करने के लिए मानक प्रोटोकॉल तय करें। नोडल अधिकारी अपने राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में फंसे हुए लोगों को पंजीकृत करें।

ऐसी स्थिति में जब कुछ लोगों का एक समूह एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना चाहता हो तो इसकी अनुमति के लिए दोनों राज्यों को एक दूसरे से संपर्क करना होगा और सड़क मार्ग से परिवहन के लिए सामूहिक अनुमति देनी होगी।

यात्रा करने वाली व्यक्ति की स्क्रीनिंग होगी और जिनमें लक्षण नहीं दिखेंगे उन्हें ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी।

लोगों के समूह के एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए बसों का इस्तेमाल किया जाएगा। बसों को सैनिटाइज किया जाएगा और बस में बैठने वालों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।

अपने गृह राज्य या स्थान पर पहुंचने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी यात्रा करने वाले व्यक्ति की जांच करेंगे और होम क्वारंटीन में रखेंगे।

ऐसे लोगों को आरोग्य सेतु का इस्तेमाल करना होगा ताकि उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा सके।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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