दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में धरने में शामिल श्यामलाल कॉलेज के 12 शिक्षकों का वेतन काट लेने का मामला सामने आया है। साथ ही शिक्षकों का ईएल भी काटा गया है। वेतन व ईएल काटने का कारण शिक्षकों के सेमेस्टर परीक्षा के दौरान परीक्षा मूल्यांकन न करना बताया गया है। बता दें कि शिक्षक संघ (डूटा) के आह्वान पर 4 दिसम्बर से शिक्षकों द्वारा कुलपति कार्यालय के समक्ष 28 अगस्त 2019 के सर्कुलर वापसी की मांग व स्थायी नियुक्ति व पदोन्नति की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन चल रहा है जिसमें ये 12 एडहॉक शिक्षकों भी शामिल हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय विद्वत परिषद के पूर्व सदस्य प्रोफेसर हंसराज ‘सुमन’ ने वेतन काटे जाने की निंदा की है और कहा है कि ऐसा करना शिक्षकों के आंदोलन को खत्म करना व उनकी स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। यह शिक्षकों के आंदोलन को कमजोर करने की गहरी साजिश है।
उनका कहना है कि शिक्षकों के काटे गये वेतन को तुरंत दिलाने के लिए डूटा को संज्ञान लेना चाहिए। इसी तरह लगभग 7 साल पहले 28 अगस्त, 2013 को हुई शिक्षक हड़ताल में लगभग 712 शिक्षक शामिल हुए थे। हड़ताल में शामिल उन सभी शिक्षकों की एक दिन का वेतन काटा गया था इसकी बहाली आज तक नहीं हुई है।
उनका कहना है कि हड़ताल के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों के शिक्षकों ने इसमें भाग लिया था। पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं 27 नवम्बर 2019 से आरम्भ हो चुकी थी। इससे पहले डूटा ने अपनी जीबीएम में यह प्रस्ताव पारित किया था कि अगर एमएचआरडी, यूजीसी, दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन 28 अगस्त के सर्कुलर को वापिस नहीं लेती तो दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) 4 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेगी। उनका कहना है कि डूटा के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर 4 और 5 दिसम्बर 2019 को कुलपति कार्यालय के समक्ष हजारों शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद ही 5 दिसम्बर को एमएचआरडी की ओर से सर्कुलर जारी किया गया था, जिसमें एडहॉक शिक्षकों को स्थायी नियुक्ति होने तक न हटाये जाने और जल्द ही शिक्षकों की पदोन्नति करने को कहा गया था। इस आदेश के बावजूद श्यामलाल कॉलेज से एक एडहॉक टीचर्स को हटाया गया और कुछ शिक्षकों की ईएल भी काटी गई है जबकि दूसरे किसी कॉलेज में ऐसी स्थिति नहीं आयी।
डूटा अध्यक्ष से मांग करते हुए प्रोफेसर सुमन ने मांग की है कि वह तुरंत एडहॉक शिक्षकों के वेतन के विषय में डूटा कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर श्यामलाल कॉलेज के मामले में हस्तक्षेप कर एडहॉक शिक्षकों को न्याय दिलाए।
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