देशभर में बीजेपी की सरकार क्या प्रोपैगंडा करने में ही माहिर है? इसका जवाब आप ही दें तो बेहतर है किसी से छुपा नहीं है। किसान चाहे जो कर लें जान भी दे दें लेकिन उनके लिए बिल कितना अच्छा है यह हमारे देश के प्रधानमंत्री को ज्यादा पता है। आपको नहीं। योगी जी सभा करके ही तो बताएंगे तब लोग जागरूक होंगे। ऐसे कम जागरूक हैं जो सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर औऱ टिकरी बॉर्डर पर दिल्ली की पूस की रात का मजा ही तो ले रहे हैं। साहब आपको कहां पता होगा। लेकिन आपकी पार्टी और सरकार की बेशर्मी कहां छुपने वाली है जनाब। आपको तो पता होगा ही कि मैं किस बारे में बात करना चाह रहा हूं किसान आंदोलन के बाद एक और निर्भया का आंदोलन खड़ा हो रहा था उसकी बात करने वाला हूं। लेकिन उसे भी साजिश बताया गया। देश विरोधी गतिविधियां चल रही हैं बताया गया और कोरोना देवी को बीच में लाया गया, बहुत कुछ दब गया लेकिन सच तो सच ही होता है। इस बेशर्मी से योगी आदित्यनाथ औऱ उनकी सरकार पार्टी और प्रशासन को डूब मरना चाहिए वो भी चुल्लू भर पानी में। लेकिन सच यह है कि यह तो पानी ही ऐसा है कि कम पड़ जाता है, डुबोता थोड़ी न है। हाथरस केस का सच सुनकर आप हैरान तो नहीं होंगे न
हाथरस बिटिया के रेप एवं मर्डर केस में सीबीआई ने चार्जशीट फाइल की।चारों अभियुक्तों को दोषी पाया गया। ✌✌
— Seema Samridhi (@Seemasamridhi) December 18, 2020
मत होइयेगा क्योंकि य़हां गोदी मीडिया और मोदी मीडिया का बड़ा हाथ है जो सच को बाद में लाता है कोर्ट और कभी जांच एजेंसी के द्वारा लेकिन उससे पहले उसको तूल देकर देश विरोधी साजिश जरूर करार दिया जाता है।
सीधे मुद्दे की बात यह है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की से कथित गैंगरेप और यातना के मामले में चारों आरोपियों पर सीबीआई ने गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया है। यह वही केस है जिसमें ठाकुर समुदाय के लोगों का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो सीधे पीड़िता के परिवार को धमकी देते दिखे थे। इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश में व्याप्त जाति-व्यवस्था की उलझनें भी सामने आई थीं जब कुछ गाँवों में अभियुक्तों के पक्ष में महापंचायत बुलाई गई।
CBI has confirmed that Hathras case was gang rape & murder!
Will @myogiadityanath Govt. apologize for ugly victim shaming of the girl?
Will UP administration be held accountable for forcibly cremating the young girl’s body and denying her dignity in death? #Hathras
— Sushmita Dev (@sushmitadevinc) December 18, 2020
इतना ही नहीं, गैंगरेप होने को लेकर सवाल उठे तो ही साथ ही इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ वक़्त के लिए पीड़िता के गाँव में मीडिया के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई थी।
इस मामले में यूपी सरकार ने पीड़िता के परिजनों का नार्को टेस्ट कराने की बात कही थी जिसे लेकर भी काफ़ी विवाद हुआ था क्योंकि आम तौर पर नार्को टेस्ट अभियुक्त पक्ष का होता है।
क्या अब उत्तर प्रदेश में सभी दलित पीड़ितों के फॉरेंसिक साइक्लोजिकल टेस्ट होंगे? योगी जी, क्या हाथरस पीड़ित परिवार को भयभीत करने का ये सरकारी तरीका है?
टेस्ट कराना ही है तो तत्कालीन DM, SSP का नार्को टेस्ट कराइये, ताकि पता चल सके कि वे किसके दबाव में इस प्रकरण को दबाना चाहते थे?
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) December 18, 2020
राज्य सरकार और प्रशासन पर लचर रवैये के आरोपों के बाद आख़िकार एक विशेष जाँच समिति (एसआईटी) का गठन किया गया था. हालाँकि जाँच का ज़िम्मा बाद में सीबीआई को सौंप दिया गया।
सीबीआई (CBI) ने शुक्रवार को हाथरस में एक अदालत के सामने इस संबंध में चार्जशीट दाखिल की। आरोपियों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने कहा कि CBI ने चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर रेप और हत्या का आरोप लगाया गया है। वकील ने कहा कि सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप लगाए हैं।
जिस पत्रकार ने हाथरस की गुड़िया के बलात्कार और हत्या को मनोहर कहानियां बताया था या जिस तिहाड़ एक्सपर्ट ने उसके चरित्र पर लांछन लगाए थे ,क्या आज वो लोग अपने चैनल में इस खबर को जगह दे रहे हैं या नहीं ? माफी मांगेंगे या नहीं ?
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) December 18, 2020
आपको पता होगा कि 14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में कथित रूप से गैंगरेप और प्रताड़ना की शिकार हुई 20 साल की पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके बाद 30 सितंबर को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में देर रात उसका अंतिम संस्कार हाथरस में कर दिया गया।
यह मामला तब तूल पकड़ा था जब पुलिस ने बिना परिवार की इजाजत लिए मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया था। इसे लेकर पुलिस को काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया से लेकर वास्तविक मीडिया तक पुलिस और योगी प्रशासन सवालों के घेरे में था।
अधिकारियों ने कहा था कि “परिवार की इच्छा के अनुसार” अंतिम संस्कार किया गया था। अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा की जा रही जांच की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा।
सच जमीन फाड़कर निकलता है. थोड़ा वक्त जरूर लगता है लेकिन उसकी आमद वजनदार होती है. हाथरस का सच सीबीआई, पाताल से खोज लाई. हाथरस की गुड़िया को इंसाफ मिलेगा और जरूर मिलेगा. सीबीआई की पूरी टीम को साधुवाद और उनकी निष्पक्षता को सलाम. विवेचना मे जो उन्होंने कड़ा परिश्रम किया वो बेमिसाल है pic.twitter.com/vHXKGmZkdF
— Brajesh Misra (@brajeshlive) December 18, 2020
इस केस में यह ऐंगल बनाने की कोशिश हो रही थी कि हाथरस केस के मुख्य आरोपी संदीप ठाकुर ने उत्तर प्रदेश पुलिस को एक चिट्ठी लिखकर दावा किया था कि उसे और बाकी तीन आरोपियों को इस केस में फंसाया जा रहा है। उसने उल्टा पीड़िता की मां और भाई पर ही उसे प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. उसने चिट्ठी में सभी ‘आरोपियों के लिए न्याय’ की मांग की थी.
चार्जशीट में धारा 302 (हत्या), एससी-एसटी एक्ट, धारा 376 (रेप), धारा 376 डी (गैंगरेप) और धारा 376 ए (रेप के कारण मौत या स्थिति विकृतशील होना) का जिक्र किया गया है।
सीबीआई ने कहा, हाथरस पीड़िता की गैंगरेप के बाद हुई थी हत्या, चार्जशीट दाखिल ।
अब कहाँ है वो लोग जो बोल रहे थे कि गैंगरेप पीडिता की हत्या लड़की के भाई और माँ ने की थी ?#HathrasCase
— Yogita Bhayana (@yogitabhayana) December 18, 2020
इन सबके बावजूद जब एक ओर हाथरस गैंगरेप केस (Hathras Gangrape Case) मामले में आज सीबीआई (CBI) ने अपनी चार्जशीट दाखिल कर दी है। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में सभी आरोपियों पर पीड़िता के साथ गैंगरेप, हत्या (Murder) और एससी/एसटी (SC-ST) एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं। तो वहीं यूपी की हाथरस पुलिस (Hathras Police) एक शिकायत के जवाब में पीएम ऑफिस (PMO) को भेजे अपने लैटर में पीड़िता के साथ रेप होने की घटना से साफ इंकार कर रही है। इसके साथ पुलिस एफएसएल (FSL) आगरा और जेएन मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ (Aligarh) की रिपोर्ट का हवाला भी दे रही है।
‘हाथरस कांड’ में उप्र की भाजपा सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी जनता, विपक्ष व सच्चे मीडिया के दबाव से सीबीआई जांच बैठानी ही पड़ी. अब पीड़िता के अंतिम बयान के आधार पर चारों अभियुक्तों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल हुई है.
भाजपा सरकार से बिना लड़े कुछ भी नहीं मिलता न इंसाफ़, न हक़.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 18, 2020
आपको पता होगा कि इस केस को लेकर देशभर में प्रदर्शन हुए थे। मामले में कई ट्विस्ट भी आए। यूपी पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर दावा किया था कि पीड़िता के साथ गैंगरेप नहीं हुआ. यूपी पुलिस के इस बयान के बाद कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई थी. बाद में, इस मामले की जांच के लिए यूपी की योगी सरकार ने एसआईटी भी बनाई, जिसने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी. लेकिन मामला गरमाया रहा. राजनीतिक दल भी सामने आ गए. उसके बाद, योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की. सीबीआई ने जांच संभाली. कई बार पीड़िता के परिवार से पूछताछ की. इसके अलावा अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों से भी पूछताछ की गई. आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट और ब्रेन मैपिंग भी कराया गया. अब सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है।
काँग्रेस और काँग्रेस नेता @RahulGandhi जी @priyankagandhi जी यह
जानते थे कि #हाथरस पीड़िता के लिए लड़ी जा रही उनकी यह लड़ाई एक दिन ज़रुर सच्चाई सामने लाएगी, संघर्ष कभी व्यर्थ नहीं जाता,
CBI ने अपनी चार्जशीट माना कि पीड़िता के साथ गैंगरेप हुआ था.शर्म करो संघी अजय बिष्ट. pic.twitter.com/rJzf6w8Mp8
— Alka Lamba – अल्का लाम्बा ??? (@LambaAlka) December 18, 2020
सबसे बड़ी बात यह है कि पीड़िता के भाई का साइकोलॉजिकल टेस्ट अब भी कराने की बात हो रही है। इसके लिए CBI पीड़ित के भाई को फोरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट के लिए गुजरात लेकर जाएगी। हाथरस केस में पीड़ित के भाई ने ही FIR दर्ज कराई थी। सूत्रों की मानें, तो CBI को कुछ सवालों के सटीक जवाब चाहिए। इसलिए, पीड़ित के भाई का साइक्लोजिकल असेस्मेंट कराया जा रहा है। इस तरीके से पूछताछ में डायरेक्टर और इनडायरेक्ट सवाल किए जाते हैं। पूरी प्रोसेस की रिकॉर्डिंग की जाती है।
CBI ने अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों को पिछले महीने गुजरात ले जाकर उनका ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाया था। आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट और बायोस प्रोफाइलिंग भी हुई थी। इसकी रिपोर्ट एक हफ्ते पहले ही CBI को मिल चुकी है।
कोर्ट ने हाथरस के DM और SP को तलब किया
कोर्ट ने 16 दिसंबर को ही सुनवाई की अगली तारीख 27 जनवरी तय कर दी थी। कोर्ट ने उस दिन हाथरस के DM प्रवीण कुमार और SP रहे विक्रांत वीर को तलब किया है। तब पीड़ित परिवार भी कोर्ट में मौजूद होगा। हालांकि, अभी तक कोर्ट ने पीड़ित परिवार को मकान और नौकरी देने के बारे में कोई आदेश नहीं दिया गया है। पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा- पीड़ित परिवार को कंपनसेशन दिलाने की जिम्मेदारी हाथरस DM की थी, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ।
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