किसानों को दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हुए पूरे 25 दिन हो चुके हैं ये समझिए कि किसानों को बॉर्डर पर आंदोलन करते हुए एक महीना बीतने वाला है पर मोदी सरकार कृषि कानून वापस लेने को तैयार नहीं। बल्कि मोदी सरकार इस आंदोलन को खत्म करने के लिए नये नये हथकंडे अपना रही है। किसानों को लेकर सरकार का जो रवैया रहा है वे बेहद ही शर्मनाक है। संविधान सभी नागरिकों को बराबर के अधिकार देता है ताकि हर व्यक्ति अपने साथ होने वाले जुल्म के खिलाफ आवाज उठा सके। पर यहां तो आंदोलन के नाम से ही सरकार की रूह कांप जाती है. लगा देती है लाखों सेना के जवानों को उनके पीछे, चलवा दी जाती है वॉटर कैनन, दागे जाते हैं आंसू गैस के गोले और फिर होती है बदनाम करने का साजिश। उससे भी काम नहीं चला तो किसी किसान के घर खाना खा लेते हैं नहीं तो किसी गुरूद्वारे में जाकर उस कम्युनिटी के लोगों को खुश कर देना, पर मोदी जी ये बात भूल रहे हैं कि ये पढ़ा लिखा किसान है, बड़ी बड़ी गाड़ियों में घूमता है, आप ही की तरह आईफोन इस्तेमाल करता है। ये वो भक्त नहीं हैं जिन्हें राम मंदिर का लोलीपॉप थमा दिया और शांत हो गये।
22 दिसंबर को मोदी जी गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि देने दिल्ली के रकाबगंज गुरूद्वारे पहुंचे पर वहां जो हुआ उससे सुनकर मोदी जी तो हर जुल्म करने वाला शर्मसार हो जाएगा, पर मोदी जी को शायद गुरूद्वारे के मुख्य ग्रंथी की कही गई बात समझ न आई हो। वरिष्ठ पत्रकार ओम थनवी ने ये वीडियो ट्वीटर पर साझा किया है जिसे आप लोग भी सुन सकते हैं। इसमें गुरूद्वारे के मुख्य ग्रंथी पंजाबी में कह रहे है कि “तू चाहे चाहे धर्म-ग्रंथ पढ़, संगत कर, पर अगर तेरे सोच में तब्दीली नहीं आई, तूने मानवता का भला नहीं किया, तो जब आख़िरी वक़्त आएगा तब किधर भागेगा, कब तक भागेगा?”। ये मोदी जी के लिए किसी चेतावनी से कम नहीं थी।
मोदी गुरुद्वारे की शरण पहुँचे। उस घड़ी मुख्य ग्रंथी पंजाबी में जो सबद व्याख्या कर रहे थे, उसका अनुवाद कुछ यों समझिए:
“तू चाहे चाहे धर्म-ग्रंथ पढ़, संगत कर, पर अगर तेरे सोच में तब्दीली नहीं आई, तूने मानवता का भला नहीं किया, तो जब आख़िरी वक़्त आएगा तब किधर भागेगा, कब तक भागेगा?” pic.twitter.com/lmoXgqy2H6
— Om Thanvi (@omthanvi) December 20, 2020
27 तारीख को मोदी मन की बात का कार्यक्रम करने वाले हैं पर किसानों की ओर से ये अपील की गई है कि जितनी देर प्रधानमंत्री मन की बात करेंगे उनकी देर सभी लोग अपने अपने घरों में थाली बजाए। शायद कभी प्रधानमंत्री को किसी की आवाज सुनाई दें। लोग अब नहीं सुनना चाहते प्रधानमंत्री के मन की बात। अब वो अपने मन की बात मोदी तक पहुंचाना चाहते हैं। अब तक कई बैठके केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ चुकी है पर मोदी अब तक उन किसानों से नहीं मिले जो 11 डिग्री के तापमान होने के बावजूद सड़कों पर सोने को मजबूर है। मोदी सरकार चाहे तो एक मिनट में इन तीनों कानूनों को रद कर सकती है।
On December 27, during Prime Minister Modi’s Mann Ki Baat. We would appeal to everyone to beat ‘thali’ at their homes till the time he speaks during the program: Jagjit Singh Dalewala, Bharatiya Kisan Union. #FarmersProtest pic.twitter.com/r1Cbava6tF
— ANI (@ANI) December 20, 2020
दूसरा ये कि मेन स्ट्रीम मीडिया पूरी तरह से सरकार की भक्ति करने में लिन रहता है तो ऐसे में एक सोशल मीडिया ही लोगों तक अपनी बात पहुंचाने, समर्थन करने का या फिर विरोध जताने का एक जरिया है। पर सरकार यहां भी शिकंजा कसती है। किसान एकता मोर्चा के नाम से एक फेसबुक पेज बना हुआ है जिस पर किसान आंदोलन से जुड़ी चीजे शेयर होती है फेसबुक ने इस पेज को सस्पेंड कर दिया ये कहते हुए कि किसान एकता मोर्चा का एकाउंट उनके कम्यूनिटी स्टैंडर्ड का पालन नहीं कर रहा था।
In midst of a Facebook Live I was doing from Kisan Ekta Morcha’s page, we get a notification that the FB page has been unpublished.
There must be something about farmers that this govt is particularly scared of & something about this govt that Facebook is particularly scared of https://t.co/yYCZu6r3UR pic.twitter.com/xjnpS7nRRi
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) December 20, 2020
इस बात की जानकारी योगेंद्र यादव ने अपने ट्वीटर अकाउंट से दी थई क्योंकि उन्होंने किसान एकता मोर्चा पेज पर लाइव किया था। इससे समझ आ रहा है न कि ये सरकार नहीं चाहती कि कोई अपने हक के लिए आवाज उठाए। जब ये मामला सोशल मीडिया पर तूल पकड़ने लगा तब जाकर फेसबुक ने पेज अनब्लॉक किया।
पत्रकार रोहिणी सिंह तो ये भी कह रही हैं कि फेसबुक ने रिलायंस जियो में 43,574 करोड़ रुपये का निवेश किया है। उन्होंने इसकी जानकारी ट्वीट करके दी। उन्होंने लिखा है कि फेसबुक ने रिलायंस जियो में 43,574 करोड़ रुपये का निवेश किया है। किसान प्रदर्शकारियों ने पहले रिलायंस जियो का बहिष्कार किया और पोर्ट कराया। फिर फेसबुक किसान प्रदर्शनकारियों का पेज ब्लॉक कर देता है-किसान एकता मोर्चा आप क्रोनोलॉजी समझिए।
Facebook has invested Rs 43,574 crores in Reliance Jio. Protesting farmers have called for a boycott of Reliance Jio and are porting out of it. Facebook blocks the page of protesting farmers- Kisan Ekta Morcha. Aap chronology samajhiye.
— Rohini Singh (@rohini_sgh) December 20, 2020
सबकुछ सामने है किसी से छुपा नहीं है। पहले किसानों को दिल्ली आने से रोका गया ये कहते हुए कि कोरोना महामारी है। जबकि दूसरी तरफ बीजेपी चुनावी रैलियां किये जा रही है।
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