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यूपी के कासगंज में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत, जाने पूरा मामला

उत्तर प्रदेश में के कासगंज ज़िले के एक पुलिस थाने में जांच के दौरान 21 साल के अल्ताफ की मौत हो जाती है। लेकिन ये कोई पहली घटना नहीं है। यूपी में इस तरह से पुलिस जांच में मौतों की घटनाएं आम बनती जा रही हैं। इंडियास्पेंड नाम की एक वेबसाइट के मुताबिक, हिरासत में मौत के मामलों में पहले नंबर पर यूपी है। पिछले 3 साल में 1318 लोगों की मौत हुई। यूपी का यह आंकड़ा देश में हुई हिरासत में मौत के मामलों का करीब 23% है।

आपको याद होगा इससे कुछ दिनों पहले आगरा की ऐसी ही एक घटना सामने आई थी जब आगरा के सफाईकर्मी अरुण वाल्मिकी को यूपी पुलिस हिरासत में थाने लेकर गई थी और वहां उसकी मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम में मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया।

अब फिर से कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले के एक पुलिस थाने में 21 वर्षीय युवक अल्ताफ का शव संदिग्ध हालत में मिलता है। यूपी पुलिस अल्ताफ को 8 नवंबर रात 8 बजे एक नाबालिग़ लड़की के लापता होने के मामले में पूछताछ के लिए थाने बुलाती है। अल्ताफ के पिता खुद अल्ताफ को पुलिस के हवाले कर देते हैं। लेकिन अल्ताफ के पिता को 24 घंटे बाद पुलिस ये जानकारी देती है कि अल्ताफ ने खुद बाथरुम के नल में जैकेट में लगी डोरी को बांधकर आत्महत्या कर ली है। आपको बता दे कि इस पूरा कहानी में ही झोल है।

युवक के परिवार का कहना है कि पुलिस ने पीट-पीटकर हत्या की है। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे को सिर्फ शक के आधार पर थाने ले जाया गया। ये घटना 8 नवंबर रात 8 बजे की है। मैंने खुद पूछताछ के लिए अपने बेटे को पुलिस के हवाले किया। लेकिन 24 घंटे बाद पुलिस ने बताया कि मेरे बेटे ने आत्महत्या कर ली है।

पुलिस का कहना है कि 9 नवंबर की सुबह थाने में उस युवक को बुलाया गया था। उसने पूछताछ के दौरान वहां पर बैठे पुलिसकर्मी से वॉशरुम जाने के लिए कहा था तो हवालात में बने वॉशरुम में उसे भेजा गया। अल्ताफ ने जो जैकेट पहना हुआ था उसकी डोरी से वॉशरूम के नल में फंसा पर खुद का गला घोटने की कोशिश की। जब युवक बाहर नहीं आया तो पुलिसकर्मी अंदर चले गए और बेहोशी की हालत में उसे उठाते हुए ले जाया गया। कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि इस संबंध में जिन पुलिसकर्मियों की लापरवाही इसमें है उनको सस्पेंड किया जाएगा।

हालांकि अब तक उस नाबालिक लड़की का कोई पता नहीं चला है जिसके संबंध में अल्ताफ को पुलिस पकड़कर थाने लाई थी।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जो लड़की लापता हुई है वो पुलिस को अभी तक नहीं मिली है। क्या पुलिस जांच में मृतक और लड़की के बीच कोई संबंध सामने आया है, इस सवाल पर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एक वीडियो हमें मिला है जिसमें ये लड़का स्वयं कह रहा है कि मेरे इस लड़की से संबंध थे, लेकिन अब कोई संबंध हैं। पुलिस पूछताछ में लड़के ने बताया था कि हो सकता है वो लड़की किसी और से भी बात करती हो।

सोशन मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे है कि वॉशरुम के नल से आत्महत्या कैसे हो सकती है? क्या यूपी में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक मुसलमानों के साथ पुलिस गैर-जिम्मेदाराना बर्ताव कर रही है? पुलिस के दावे में काफी झूठ नजर आ रहे हैं।

 

रणविजय लिखते है कि अल्ताफ ने इस नल से फंदा लगाकर जान दी। ऐसा एसपी का कहना है। नल 2 फीट पर लगा है।

स्वाती मिश्रा लिखती हैं कि अल्ताफ के पिता कहते हैं, मैंने खुद अपने बच्चे को पुलिस के हवाले किया। एसपी कहते हैं कि अल्ताफ वॉशरूम गया, जैकेट के हुड में पड़े स्ट्रिंग को नल में फंसाकर अपना गला घोंटा। यूपी सरकार को 2 काम करने चाहिए। पहला, छवि खराब करने वाले नल पर NSA लगा दें। दूसरा, सीलिंग से लटकने वाले नल न लगाएं।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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