SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

कंगना विवादित बयान को लेकर अब बुरी तरह फंस गईं, सम्मान वापसी की भी उठी मांग

बीजेपी नेताओं के अक्सर ऊल जुलूल बयानों पर सोशल मीडिया से लेकर हर जगह खूब किरकिरी तो होती ही है, लेकिन आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी प्रवक्ताओं और समर्थकों की ओर से राष्ट्रवाद और देश प्रेम की नई  परिभाषाएं गढ़ीं जा रही है। चिंता की बात ये है कि विपक्ष के एक बयान को देश विरोधी गतिविधियां करार देते हुए उन पर यूएपीए लगा दिया जाता है लेकिन सत्ता में बीजेपी है तो अपने लोगों के विवादित बयानों पर कार्रवाई करना तो दूर बल्कि उसका समर्थन करते हुए दिखाई देती है।

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत पर शिकंजा कसता जा रहा है। लगता है कंगना के बुरे दिन आ गये हैं। कंगना को कुछ दिन पहले जिस तरह से पद्मश्री से नवाजा गया उस पर सवाल लोग खड़े करते हुए फर्जी ट्वीट करने और सरकार की चापलूसी करने का आरोप लगा ही रहे थे। लेकिन अब यह सम्मान भी वापिस करना पड़ सकता है क्य़ोंकि इन्होंने सम्मान पाकर जहर उगलना शुरू कर दिया। ये सब के सब हम नहीं कह रहे हैं बल्कि संवैधानिक पद पर बैठे लोग भी कहना शुरू कर दिये हैं। कंगना देश से माफी मांगो, कंगना पद्मश्री वापिस करो ये सब ट्विटर पर ट्रेंड भी चला।

एक इंटरव्यू के दौरान कंगना ने कहा कि  ‘1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली’। सोशल मीडिया पर यह 24 सेकेंड की क्लिप काफी वायरल हो रही है।

 

पार्टी की सरकार में भी कुछ लोग वरुण गांधी जैसे होते हैं। जो पार्टी की भाषा में बगावती बन जाते हैं और खुल कर बोलने लगते हैं।

वरुण गांधी ने कहा था कि कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह?

 

इतना ही नहीं कंगना के बयान पर तो दिल्ली बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर ने कंगना के बयान पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि ये स्वतंत्रता सेनानियों की बेइज्जती है।

प्रवीण शंकर कपूर ने ट्वीट कर कहा- एक स्वतंत्रता सेनानी पिता का पुत्र होने एवं स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से आने का कारण कंगना रनौत के द्वारा भारत की आजादी को भीख मे मिली आजादी कहना, मुझे आजादी का सबसे बड़ा दुरुपयोग एवं स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग का अपमान लगता है। काश भारत की न्याय व्यवस्था संज्ञान ले”।

 

कपूर ने कहा कि उन्होंने जो कहा वह बुरा था और अगर कोई प्रावधान है, तो कानून को कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हर स्वतंत्रता सेनानी का परिवार आहत महसूस करता है और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सबसे बड़ा दुरुपयोग है।”

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि ऐसा लगता है कि बयान देने से पहले बॉलीवुड अभिनेत्री ने मलाणा क्रीम ली थी। मलिक ने मांग करते हुए कहा कि कंगना से पद्मश्री अवार्ड वापस लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज की जाए. मलिक ने कहा कि कंगना ने मुल्क के मुजाहिदीने आज़ादी की तौहीन की है, जिन्होंने मुल्क की आज़ादी के लिए अपनी जान दे दी।

 

नवाब मलिक ने कहा कि पद्मश्री देने वाले लोगों ने इनको आगे किया है कि आजादी 2014 में मिली, 1947 में आजादी भीख में मिली थी। गांधीजी से लेकर कई स्वतंत्रता सेनानियों का ये अपमान है। कंगना ने जो बयान दिया हम उस बयान की कठोर शब्दों में निंदा करते हैं। जिस तरह से ये कहा जा रहा है कि 1947 की आजादी भीख में मिली थी हमें लगता है स्वतंत्रता सेनानियों को अपमान किया गया है। केंद्र सरकार को उन पर मामला दर्ज उनसे पद्मश्री वापस लेना चाहिए।

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा था कि कंगना रनौत का बयान महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का ही नहीं, बल्कि सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान का भी अपमान है’। आनंद शर्मा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और देश को बताना चाहिए कि क्या वह कंगना रनौत की राय का समर्थन करते हैं। अगर नहीं करते हैं तो सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

 

कंगना की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कंगना रनौत से सभी देशवासियों के लिए माफी मांगने की बात कही है। साथ ही पद्मश्री सम्मान वापस लेनी की बात भी कही। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों को पद्मश्री देने का मतलब है कि सरकार इस तरह के लोगों को बढ़ावा दे रही है।

इस तरह से एक के बाद एक ट्वीट और लोगों की प्रतिक्रिया ने मोदी सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है क्योंकि आरोप लग रहा है कि बीजेपी और मोदी सरकार कंगना को जानबूझकर ऐसे बयान देने कि लिए प्रवक्ता बना रखा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या बीजेपी नेताओं और महाराष्ट्र सरकार के कंगना के विरोध में उतरने पर अब कार्रवाई होगी? क्या कंगना से पद्मश्री सम्मान वापिस लिया जाएंगा?

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

Be the first to comment on "कंगना विवादित बयान को लेकर अब बुरी तरह फंस गईं, सम्मान वापसी की भी उठी मांग"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*