कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शोधार्थियों को बड़ी सौगात दे दी है। पोस्ट डॉक्टरल फेलोशिप (पीडीएफ) प्रथम वर्ष में शोधार्थियों को अब 47 हजार रुपये महीना महीना मिलेंगे। पहले यह राशि पहले दो साल के लिए 38 हजार रुपये महीना थी। फेलोशिप की यह नई दरें एक जनवरी 2019 से लागू होंगे। यूजीसी सेक्रेटरी प्रो.रजनीश जैन ने उक्त आदेश जारी कर चार फेलोशिप की दरों में बड़ा बदलाव किया है। यूजीसी ने यह अहम फैसला अपनी 546 वीं बैठक में 14 मई 2020 को यह निर्णय विज्ञान, समाज विज्ञान व मानविकी विषयों में शोध कार्य करने वाले शोधार्थियों के लिए किया है।
यूजीसी ने पीडीएफ के अंतर्गत जिन स्कॉलरशिप में बढ़ोतरी की है उनमें डी.एस.कोठारी (पीडीएफ, तीन साल के लिए), डॉ. राधाकृष्णन (पीडीएफ ,तीन साल के लिए), पीडीएफ (एससी, एसटी, पांच साल), पीडीएफ (वीमेन, पांच साल) आदि है, जिनमें 10 से 20 फीसदी बढ़ोतरी की है।
आदेशों के अनुसार पांच वर्ष के लिए डॉ.डीएस कोठारी पीडीएफ में प्रथम वर्ष में 43 हजार 400 की जगह 47 हजार, दूसरे वर्ष में 45 हजार रुपये के स्थान पर 49 हजार और तीसरे वर्ष में 46 हजार पांच सौ की जगह 54 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। तीन वर्षों में अधिकतम 46 हजार पांच सौ की जगह अब 54 हजार रुपये महीने मिलेंगे। प्रतिवर्ष कंटीजेंसी एक लाख रुपये ही रहेगी। इसमें बदलाव नहीं हुआ है।
तीन वर्ष के लिए डॉ.एस राधाकृष्णन पीडीएफ में पहले वर्ष 47 हजार, दूसरे वर्ष 49 हजार एवं तीसरे वर्ष 54 हजार रुपये दिए जाएंगे। अभी तक यह राशि क्रमश: 38 हजार, 40 हजार 300 एवं 41 हजार नौ सौ रुपये महीना थी। पांच वर्ष के लिए एससी-एसटी छात्रों और महिलाओं को पीडीएफ में पहले वर्ष 47 हजार रुपये, दूसरे वर्ष 49 हजार रुपये और तीसरे वर्ष से 54 हजार रुपये महीना मिलेंगे। अभी तक इन छात्रों के लिए यह फैलोशिप पहले साल के लिए 38 हजार आठ सौ और दूसरे वर्ष से 46 हजार पांच सौ रुपये महीना थी।
फोरम ने खुशी जाहिर की है
पीडीएफ शोधार्थियों की फेलोशिप में बढ़ोतरी किए जाने पर ‘फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस’ ने खुशी जाहिर की है और कहा है कोरोना जैसी महामारी के संकट से जूझ रहे शोधार्थियों को लाभ मिलेगा और इससे शोध को बढ़ावा मिलेगा। उनका कहना है कि उनका फोरम लंबे समय से शोधार्थियों की स्कॉलरशिप में बढ़ोतरी की मांग सातवें वेतन आयोग की बढ़ोतरी से करता रहा है।
फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन प्रोफ़ेसर हंसराज ‘सुमन’ ने बताया है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे शिक्षकों को तीन आधारभूत कर्तव्यों का पालन करना होता है- शिक्षण, शोध और विस्तार। इन्हीं उद्देश्यों को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कई तरह की फेलोशिप देने का प्रावधान किया है। इन फेलोशिप के अंतर्गत चार पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप दी जाती है। इनमें डॉक्टोरल फेलोशिप, महिलाओं के लिए पोस्ट डॉक्टरल फेलोशिप, भाषाओं सहित, मानविकी तथा सामाजिक विज्ञान में डॉ. एस. राधाकृष्णन पोस्ट -डॉक्टरल फेलोशिप, डॉ. डीएस कोठारी पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप आदि फेलोशिप दी जाती है।
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