कोविड-19 से पूरा विश्व चपेट में है। इस वैश्विक महामारी ने दुनिया को एक जैसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। ज्यादातर देशों को लॉकडाउन ही इसका समाधान भी दिखा। इसी लॉकडाउन में कई लोगों ने घरों में रहकर रचनात्मक कार्य किया है। भारत के एक युवा ने तो कोरोना महामारी को लेकर पैंडेमिक 2020 नाम से एक उपन्यास ही लिख दिया। इस युवा लेखक का नाम है- यश तिवारी। यश कानपुर के रहने वाले हैं।
यश तिवारी कहते हैं कि “जिस स्थिति की किसी ने कभी कल्पना भी नही की थी आज वह वैश्विक महामारी के चलते कितनी भयावह और विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहा है। कोविड 19 ने गरीब -अमीर का भेद मिटाकर सबको भयग्रस्त कर रखा है। विश्व स्तर पर इसके चलते अनेक संकटों से हमें जूझना पड़ेगा। एक अच्छी बात यह है कि आज के विपरीत हालतों को अनेक माध्यमों से दर्शाता यह उपन्यास अंत मे पाठकों को एक सकारात्मक सन्देश देता है। इसी संदेश की हमें इस वैश्विक महामारी के दौरान जूझते हुए सख्त जरूरत है।”
उपन्यास के बारे में
उपन्यास की ऑक्सफोर्ड बुक स्टोर की ओर से ऑनलाइन लॉचिंग की गयी। 18 वर्षीय यश तिवारी की यह किताब पैंडेमिक- 2020 अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है। बतौर यश यह किताब कोविड-19 को लेकर वैश्विक समस्याओं पर आधारित है जो इस तरह का लिखा गया विश्व में पहला उपन्यास है। यह उपन्यास कोविड-19 की महामारी से लड़ रहे चार देशों भारत, अमरीका, चीन औऱ इटली की कहानियों पर प्रकाश डालता है।
इस उपन्यास में कोरोना योद्धाओं खासकर डॉक्टर्स को लेकर वर्णन है, जो दिन रात विपरीत परिस्थिति में मरीजों की देखभाल कर रहे हैं। साथ ही मीडिया की भूमिका का भी जिक्र है। इसमें गरीब समाज के आज के हालातों से जूझने का भी वर्णन भी है। साथ ही लॉकडाउन के चलते लोगों पर प्रभाव का खासा जिक्र है।
यह किताब PANDEMIC 2020 भारत सहित कई देशों में अमेजन, किंडल, गूगल बुक्स, कोबो पर ई-बुक के रूप में उपलब्ध है। साथ ही इसकी हार्डकवर पेपरबैक प्रति आप अमेजन से भी प्राप्त कर सकते हैं।
युवा लेखक के बारे में
यश तिवारी ने इससे 2 वर्ष पहले 16 साल की उम्र मे विश्व-प्रसिद्ध उपन्ंयास – “A Celebration In Tribulation” भी लिख चुके हैं। यश अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर के साथ-साथ अब यूथ मेंटर और अब लेखन के रूप में वाहवाही बटोर रहे हैं। कम उम्र मे ही यश कई बार टीईडीएक्स के अन्तरराष्ट्रीय एवं जोश टॉक्स के प्लेटफॉर्म पर भी प्रस्तुति दे चुके है।
यह यश की दूसरी किताब है, जो उन्होने सिर्फ माह भर में लिखी है। यश 18 वर्ष की इस कम उम्र मे कई सारे सम्मान भी प्राप्त चुके हैं।
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