बलिदानों की है पुण्य रीत
सेवा में सजते सरबजीत
सुरों के शुभ त्योहार सिंह
साहस के पारावार सिंह
रण चंडी हित ज्योनार सिंह
हर वक्त रहे तैयार सिंह
देते आये हर बार सिंह
कभी भगत कभी करतार सिंह
गुरुओं की पुण्य विरासत है तन से मन से अभिमानी हैं
मत खालिस्तानी कहो इन्हें ये बेटे हिंदुस्तानी हैं
ना थकी रुकी है देह कभी
पगड़ी पर न संदेह कभी
गंगा झेलम सा है प्रवाह
सागर सा अतुलित बल अथाह
अँधियारो पर दिनमान सिंह
दिखते जैसे हनुमान सिंह
कहता था सारा हिन्द सिंह
जब खड़े हुए गोविंद सिंह
है पंच पियारों का साहस खालसा पंथ बलिदानी हैं
मत खलिस्तानी कहो इन्हें ये बेटे हिंदुस्तानी हैं
तब तक की ना मांगो प्रमाण
है केश कड़ा जबतक कृपाण
सदियों को इसपर रहा नाज़
जब चिड़ियों के संग लड़े बाज़
गाथाएं है इनकी अनेक
जब सवा लाख से लड़ा एक
बलिदानों से है खड़े सिंह
इसलिए हुए है बड़े सिंह
सरहद वे तन कर खड़ी रही ये तलवारें अभिमानी हैं
मत खलिस्तानी कहो इन्हें ये बेटे हिंदुस्तानी हैं
है वीर हकीकत की आगी
रण भूमि पे बन्दा बैरागी
इनका कहिये आभार सिंह
चारो सूत देता वार सिंह
दुश्मन दिल लेते जीत सिंह
जय प्रीत सिंह रणजीत सिंह
तूफानों के है वेग सिंह
जय जय बोलो गुरु तेग सिंह
उधम ने डायर भून दिया गौरव की अमर कहानी हैं
मत खालिस्तानी कहो इन्हें ये बेटे हिंदुस्तानी हैं
लंगर भंडारा एक अंग
कभी मंदिर तो गुरुद्वारा कभी
लाठी से अलग नहीं होती
नदिया की बहती धार कभी
है सदा हमारे कर्म एक
हम पंथ एक हम धर्म एक
बोलेंगे सीना तान सिंह
केसरिया है पहचान सिंह
इस सत्य सनातन संस्कृति की गुरु पुत्रों पे दीवानी हैं
मत खलिस्तानी कहो इन्हें ये बेटे हिंदुस्तानी हैं
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