नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को 11 दिन हो चुके हैं। किसान 24 घंटे एक करके दिल्ली को चारों ओर से घेर चुके हैं। गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, बुराडी ग्राउंड सहित सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों और सरकार के बीच 5 बार की बात हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला है। अब किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। साथ ही, 9 दिसंबर को सरकार के साथ एक बार और किसानों की बातचीत होने वाली है। किसान संगठनों ने एक बार फिर सरकार से कहा है कि जब तक नए कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
8 दिसंबर 2020 के भारत बंद की बात हर किसी के जुबान पर है। यह पहली बार है जब इतने बड़े स्तर पर केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने भारत बंद का ऐलान किया है और इसको लेकर पहले से ही इतनी चर्चा हो रही है। हालांकि ये बंद कितना सफल होगा, ये तो कल ही पता चलेगा लेकिन, सोशल मीडिया पर ट्विटर ट्रेंड में कल भारत बंद होगा यह आज ही पहले नंबर पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। भारत बंद को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा,
“हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से होगा। भारत बंद 11 बजे से 3 बजे तक होगा। ये सांकेतिक प्रदर्शन है, जिसके जरिए हम अपना विरोध दर्ज कराएंगे। ये दिखाता है कि हम भारत सरकार की कुछ नीतियों का समर्थन नहीं करते हैं।”
Our protest is peaceful & we’ll continue that way. Tomorrow’s #BharatBandh is from 11 am to 3 pm. It is a symbolic protest to register our opposition. It is to show that we don’t support some of the policies of the Govt of India: Rakesh Tikait, Spokesperson, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/gb4dTHyqDL
— ANI (@ANI) December 7, 2020
हालांकि सिंघु बार्डर से किसान नेता दर्शन पाल ने कहा –
“बंद पूरे दिन रहेगा। चक्का जाम तीन बजे तक रहेगा। ये एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन है। हम अपने मंच पर किसी राजनीतिक दल को नहीं आने देंगे।”
The bandh will be observed the whole day tomorrow. Chakka jam till 3 PM. It will be a peaceful bandh. We are firm on not allowing any political leaders on our stage: Farmer leader Dr Darshan Pal at Delhi-Haryana Singhu border https://t.co/K0Q7z5Pz92 pic.twitter.com/2LoLdQ4hlJ
— ANI (@ANI) December 7, 2020
भारत बंद को लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तो भारत बंद के एक दिन पहले सिंघु बॉर्डर पर जाकर सीधे आम आदमी पार्टी के समर्थन की बात कही है।
भारत बंद का असर यातायात के साधनों पर देखा जा सकता है। खासकर दिल्ली में ऑटो-टैक्सी सर्विस पर असर देखा जाएगा। क्योंकि दिल्ली में कुछ ऑटो और टैक्सी यूनियनों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन करने का ऐलान किया है।
किसानों के समर्थन में भारत बंद के दौरान हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में मंडियां बंद रहेंगी। इन राज्यों में सभी मंडियां बंद रहेंगी, लेकिन शादियों को बंद से छूट दी गयी है। कई राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन किया है।
बैंकिंग सेवाओं पर भी भारत बंद का असर पड़ेगा। क्योंकि कई बैंकिंग यूनियनों की ओर से किसान आंदोलन के समर्थन की बात कही गई है। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉई एसोसिएशन (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (AIBOC), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) और इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (INBOC) ने सरकार से किसानों की समस्या दूर करने की अपील की है।
सरकार की ये है तैय़ारी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए दिशानिर्देश जारी की है। इसमें कहा है कि कोविड-19 की सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइंस का सख्ती से पालन कराया जाए। बंद को लेकर राज्यों ने अपने-अपने हिसाब से इंतजाम किए हैं।
किसान आंदोलन और भारत बंद की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन की ओर से भी कवायद शुरू कर दी गई है। लल्लनटॉप के पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार RAF (रैपिड एक्शन फोर्स) को दिल्ली बॉर्डर पर उतारा गया है। बताया गया है कि ये टीमें गांधीगीरी के जरिए किसानों को रोकने की कोशिश करेंगी। इसके बाद भी किसान अगर आगे बढ़ गए तो उनका सामना दिल्ली पुलिस से होगा। दिल्ली पुलिस ने भी शांति के साथ ही किसानों को रोकने की बात कही है। यदि प्रदर्शन इसके आगे बढ़ा तो BSF मोर्चा संभालेगी और किसानों को आगे बढ़ने से रोकेगी। सुरक्षा बलों ने इसकी प्रैक्टिस के लिए मॉक ड्रिल भी की।
आपको बता दें कि सिंघु बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों की संख्या हर रोज बढ़ रही है यहां फोर्स की तैनाती में भी इजाफा हो रहा है। दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर स्क्वाड, स्पेशल सेल के सीनियर अफसर भी अब ड्यूटी में तैनात किए गए हैं। ये अधिकारी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। बॉर्डर पर आईटीबीपी, आरएएफ, सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए है। यहां पर नए सिरे से सीमेंटेड बैरिकेडिंग की जा रही है।
हालांकि किसान भी कम नहीं है। किसानों की तरफ से फ्रंट लाइन पर निहंग सरदार तैनात हैं। हांथों में तलवार कृपाण लिए, घोड़े के साथ मौजूद निहंग सरदार वक्त वक्त पर तलवारबाजी दिखा रहे हैं।हालांकि ये लोग बेहद शांति से हैं, लेकिन इनके पहुंचने के बाद प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी हुआ दिख रहा है।
आज दिनभर क्या चल रहा था-
नोएडा दलित प्रेरणा स्थल पर किसान सरकार से विरोध जताने को लेकर भैंस के आगे बीन बजाने लगे- देखिए वीडियो
कृषि कानून के खिलाफ लखनऊ में किसान यात्रा की शुरुआत करने कन्नौज जा रहे समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया गया। प्रशासन ने पहले लखनऊ में उनके घर के बाहर बैरिकेडिंग की थी, जिसके बाद अखिलेश पास में ही धरने पर बैठ गए थे, लेकिन बाद में उन्हें हिरासत में लिया गया है, अखिलेश का आरोप है कि प्रशासन ने उनकी गाड़ियों को जब्त कर लिया है।
देखें वीडियो-
इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं किसान
सितंबर में बनाये गए तीन कानूनों, किसान संगठन कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 का विरोध कर रहे हैं।
इन तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने कृषि क्षेत्र में एक बड़े सुधार के रूप में पेश किया है और कहा है कि इससे बिचौलिये हट जाएंगे और किसान देश में कहीं भी अपनी उपज बेच पाएंगे। जबकि किसान संगठनों को आशंका है कि इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी व्यवस्था खतरे में आ जाएगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों पर निर्भर छोड़ दिया जाएगा। लेकिन सरकार का कहना है कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था बनी रहेगी।
Be the first to comment on "भारत बंद को लेकर जानिए कि क्या है किसानों की योजना और सरकार की तैयारी?"