दिल्ली में खासकर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पिंजरा तोड़ समूह से जुड़ीं दो छात्राओं को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान देवांगना और नताशा के तौर पर हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोप है कि इन्होंने ही 22 फरवरी की रात को सीलमपुर में 300-400 महिलाओं को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बिठाया था। इसके बाद ही नॉर्थ ईस्ट जिले में दंगे भड़के थे। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत दौरे के दौरान जफराबाद मेट्रो स्टेशन पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ महिलाएं अचानक से जुट गई थीं, जिसके बाद दंगा भड़क गया था। 23-26 फरवरी के बीच हुए इस दंगे में 53 लोग मारे गए थे। इस मामले में 13 अप्रैल तक पुलिस ने इस मामले में 800 से अधिक गिरफ्तारियां की थीं।
आरोप के मुताबिक, सीलमपुर में धरने पर बैठी महिलाओं को भड़काकर 22 फरवरी की रात को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बिठाने पर 24 फरवरी को जाफराबाद थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें पिंजरा तोड़ ग्रुप की गुलफिसा फातिमा, नताशा, शुभांगी, देवांगना, परोमा और रुमशा के नाम सामने आए थे। इसी मामले में देवांगना और नताशा को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार, गुलफिसा जाफराबाद की रहने वाली हैं, जो डीयू की किरोड़ीमल कॉलेज की पूर्व स्टूडेंट थीं। पुलिस इन्हें पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। गुलफिसा पर स्पेशल सेल ने दंगों की साजिश में शामिल होने के यूएपीए लगाया है, वह अभी जेल में हैं।
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पिंजरा तोड़ के फेसबुक पेज पर मिली जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार छात्राएं वर्तमान में जाफराबाद थाने में हैं। पुलिस ने उनके परिवार के सदस्यों को उनकी गिरफ्तारी के कारण नहीं दिए।
पिछले कुछ महीनों में दिल्ली पुलिस ने कई छात्रों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है । हम राज्य द्वारा किए जा रहे लोकतांत्रिक कार्यकर्ताओं और छात्रों के इस हाउंडिंग की कड़ी निंदा करते हैं और छात्र समुदाय और सभी लोकतांत्रिक दिमाग वाले नागरिकों से अपील करते हैं कि इस दमन के चेहरे पर हमारे संघर्ष में सतर्क और मजबूत रहें ।
ट्विटर पर गिरफ्तारी का हो रहा विरोध
सोशल मीडिया पर दिल्ली दंगों को लेकर छात्रों की गिरफ्तारी का मुद्दा छाया हुआ है। ट्विटर पर तमाम लोग इसकी खूब आलोचना कर रहे हैं और इन गिरफ्तारियों पर सवाल उठा रहे हैं।
पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि अगर सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने वाले लोगों की ही गिरफ्तारी होनी है तो हमें भी गिरफ्तार करो। उन्होंने अमित शाह से कहा है कि सिविल अधिकारों का हनन इस कोरोना लॉकडाउन में न करें।
Ha!
If you are just going to arrest everyone who protested against CAA-NRC, then there are many like us who should be arrested first @DelhiPolice.
Don’t use corona lockdown to curb civil rights and target citizens who raise voice @amitshah. Don’t! https://t.co/CJUma8QH5c
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) May 23, 2020
सुप्रीम कोर्ट की वकील करुना नंदी ने ट्विटर पर लिखा है कि सफूरा जरगर, देवांगना, नताशा, गुलफिशा सभी को रिहा करें।
And then this government assaulted the civil liberties of women students, under cover of lockdown and manipulated media. Seek the release #SafooraZargar, Gulfisha, Devangana and Natasha now. Tomorrow it’ll be your child. pic.twitter.com/6hd6I1Z8wn
— Karuna Nundy (@karunanundy) May 24, 2020
गुजरात से विधायक और जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता जिग्नेश मेवानी ने लिखा है कि खबर आ रही है कि “पिंजरा तोड़ से जुड़ी एक्टिविस्ट को गिरफ़्तार किया गया है। महिलाओं, दलितों, मुस्लिमों को दोयम दर्ज़े का नागरिक मानने वाले मनुवादी यही करेंगे। पर गुलाम मानसिकता वाले सत्ता लोलुपों को पता नहीं कि आख़िर में जीतेगा सच ही। हम मांग करते हैं कि इन साथियों की रिहाई हो। ”
खबर आ रही है कि Pinjra Tod से जुड़ी एक्टिविस्ट को गिरफ़्तार किया गया है।
महिलाओं, दलितों, मुस्लिमों को दोयम दर्ज़े का नागरिक मानने वाले मनुवादी यही करेंगे।
पर गुलाम मानसिकता वाले सत्ता लोलुपों को पता नहीं कि आख़िर में जीतेगा सच ही।
हम मांग करते हैं कि इन साथियों की रिहाई हो।
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) May 23, 2020
जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आईशी घोष ने इस गिरफ्तारी की निंदा की है।
Condemn the Witch Hunt and Targeting of Student Activists
The JNUSU condemns in the strongest terms the detention and arrest of the Pinjra Tod activists and JNU students Natasha and Devangana by the Delhi Police Crime Branch and the Jaffarabad Police.
— Aishe (ঐশী) (@aishe_ghosh) May 23, 2020
प्रसिद्ध उपन्यासकार नीलंजना रॉय ने कहा कि जो असली गुनहगार हैं वे बाहर हैं और इनको गलत तरीके से गिरफ्तार किया जा रहा है-
Students and activists: arrested.
Gunmen and those who chanted goli maaron saalon ko: still free. Ask why.
Question these arrests, release all those who’ve been wrongly jailed and dragged into this shoddy, tattered #DelhiRiotsConspiracy theory. https://t.co/RQU9D5LnUj
— Nilanjana Roy (@nilanjanaroy) May 24, 2020
क्या है पिंजरातोड़
पिंजरा तोड़ कॉलेज की छात्राओं का एक ऐसा संगठन है, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू आदि की छात्राएं भी हैं। ये संगठन कॉलेज हॉस्टल के नियमों के खिलाफ महिला अधिकारों के लिये लड़ता है। खासकर हॉस्टल में लड़कियों के लिए समय की पाबंदी यानी कर्फ्यू टाइमिंग को लेकर लगातार प्रदर्शन करता रहा है। साथ ही मोदी सरकार के सीएए को लेकर तमाम प्रदर्शनों में यह संगठन शामिल रहा है।
इससे पहले भी कई छात्रों की हुई हैं गिरफ्तारियां
फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा मामले में बड़ी संख्या में छात्रों की गिरफ्तारी हो रही है, जिसका सोशल मीडिया पर विरोध भी हो रहा है। द वायर की खबर के अनुसार, दिल्ली पुलिस के विशेष सेल ने इससे पहले 20 मई को जामिया मिलिया इस्लामिया के 24 वर्षीय छात्र आसिफ इकबाल तन्हा गिरफ्तार किया गया और आतंकवाद विरोधी कानून, यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्हें सात दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
फारसी भाषा में बीए कर रहे तृतीय वर्ष के छात्र तन्हा को पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान जामिया इलाके में हिंसा के सिलसिले में भी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा 17 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उस मामले में उन्हें 31 मई तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। पुलिस के अनुसार, शाहीन बाग के अबुल फजल एनक्लेव के रहने वाले तन्हा स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन के सदस्य हैं और नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों की अगुवाई करने वाली जामिया समन्वय समिति से भी जुड़े थे।
पिछले महीने पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों मीरान हैदर और सफूरा ज़रगर पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था। 35 वर्षीय हैदर पीएचडी छात्र हैं और दिल्ली में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की युवा इकाई के अध्यक्ष हैं, जबकि जरगर जामिया से एमफिल कर रही हैं। इन छात्रों पर देशद्रोह, हत्या, हत्या के प्रयास, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और दंगा करने के अपराध के लिए भी मामला दर्ज किया गया है।
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