राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आदेश पर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश त्यागी को 28 अक्टूबर को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही राष्ट्रपति ने डीयू में प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर योगेश त्यागी के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। प्रोफेसर योगेश त्यागी 10 मार्च 2016 से दिल्ली विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर का कार्यभार संभाल रहे थे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रशासनिक स्तर पर अनियमितता के मामले में राष्ट्रपति से योगेश त्यागी के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी थी। इसके बाद राष्ट्रपति ने इस मामले में जांच की इजाजत दी है।
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रपति ने त्यागी पर लगे कर्तव्य पालन में लापरवाही के आरोपों की जांच का भी निर्देश दिया है। यह कदम ऐसे वक्त में आया है जब इस केंद्रीय विश्वविद्यालय में सत्ता संघर्ष चल रहा है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में दो नियुक्तियों को लेकर विवाद चल रहा था। इस मामले को लेकर वीसी के खिलाफ जांच होनी है। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश त्यागी पर लगे आरोपों की जांच अब कमेटी करेगी। कुलपति प्रो. योगेश त्यागी के पांच साल के कार्यकाल में लगे आरोपों की जांच होगी। जांच का आदेश केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से दिया गया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश त्यागी पर कुलपति पद पर रहने के दौरान अनियमितता, भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। मंत्रालय की समिति इन्हीं शिकायतों की जांच करेगी। इसके अलावा पांच साल के कार्यकाल में किए गए कार्यों की भी समीक्षा की जाएगी।
प्रो. योगेश त्यागी का कुलपति के रूप में कार्यकाल 15 मार्च 2021 को समाप्त हो रहा है। मंत्रालय के केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में नए भर्ती नियमों के तहत पद रिक्त होने और रिटायरमेंट के छह महीने पहले ही खाली पद को भरने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। इसी के तहत नवंबर में मंत्रालय दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कुलपति पद की तलाश की तैयारी शुरू कर देगा। इसी दौरान नवंबर में ही कुलपति पद के लिए विज्ञापन भी जारी किया जाएगा।
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