मेरे टूटे हुये दिल को भी, यार करार मिल जाये।
एक हमसफर गर आप सा, वफादार मिल जाये।।
भुला दूँगा मैं दुनिया भर के सब गम जानेमन,
मुझ को भी गर सच्चा, तेरा प्यार मिल जाये।
मैं भी बन कर दिख ला दूँगा श्री राम की तरह,
मुझ को भी गर सीता जैसी, नार मिल जाये।
टकरा जाऊँ मै जमाने की हर एक कठिनाई से,
तेरे जैसा गर जीवन साथी, खुद्दार मिल जाये।
मुहब्बत तो मैं उसे जान से भी ज्यादा करूंगा,
महबूबा गर तुझ सी कोई, समझदार मिल जाये।
मुहब्बत का मै भी लगा लू एक बाग जानेमन,
प्यार का गर एक पौधा, सदाबहार मिल जाये।
मैं ले लू जन्म सौ बार इस धरती पर ए सनम,
तेरे जैसा गर हम सफर, हर बार मिल जाये।
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