दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधछात्रों के एक प्रतिनिधि मंडल ने शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. तरुण दास से मुलाकात की। शोधछात्र संयोजक अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के समक्ष दिन-प्रतिदिन आने वाली अनेक समस्याओं को गिनाते हुए रजिस्ट्रार को दिल्ली विश्वविद्यालय के 29 विभागों के 1,500 से अधिक शोधछात्रों द्वारा हस्ताक्षर किए हुए ज्ञापन सौंपे।
दिल्ली विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार ने इन सभी समस्याओं को एक सप्ताह में दूर करने का आश्वासन प्रतिनिधि मंडल को दिया है। शोधछात्रों के इस प्रतिनिधिमंडल में अभिषेक वर्मा, शब्द प्रकाश, विकाश रंजन, रागिनी कपूर, रोहन चौहान एवं अनुपमा भारद्वाज शामिल थे।
शोधछात्र संयोजक अभिषेक वर्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को एक सप्ताह में इन मुद्दों पर उचित कार्यवाही करने के लिये आग्रह किया और यह भी जताया कि उचित कार्यवाही ना होने पर ना करने शोधछात्रों विवशतापूर्ण विरोध-प्रदर्शन करना पड़ेगा।
ये हैं मांगें-
लिंगदोह कमेटी के नियमानुसार दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्र को छात्रसंघ चुनाव में मतदान का अधिकार है, परंतु दिल्ली विश्वविद्यालय में शोध छात्रों को यह अधिकार नहीं है, केवल एकमात्र सामाजिक कार्य विभाग के एमफिल के शोधछात्रों को ये अधिकार है, इस दोहरे मापदंड को समाप्त करते हुए सभी विभागों के शोधकर्ताओं को छात्रसंघ में मतदान करने का अधिकार मिले।
दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन शोध छात्रों के सम्बंध में समय सीमा तय करे, जिसके अनुसार उनका एडमिशन, बीआरएस, डीआरसी, कोर्सवर्क, शोधकार्य जमा होने, शोधकार्य का परिणाम और उपाधि प्रदान करना आदि की एक निर्धारित समय-सीमा तय हो।
विज्ञान में शोध कर रहे शोधछात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय विज्ञान उपकरण केंद्र (यूएसआईसी) में शोध-यंत्रो के प्रयोग में हो रही परेशानी के बारे में अवगत कराया।
अन्य विश्वविद्यालय के तर्ज पर दिल्ली विश्वविद्यालय में भी विज्ञान, कला एवं सामाजिक विज्ञान के विषयों के अपने रिसर्च जर्नल्स का प्रकाशन शुरू किया जाए, जिससे की शोधार्थी को अपने शोधकार्यों के प्रकाशन की सुविधा मिल सके।
दिल्ली विश्वविद्यालय में पहले कई विषयों के अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स उपलब्ध होते थे, अब काफ़ी समय से उनका सब्सक्रिप्शन नहीं किये जाने से वह बंद हो गए है, जिसके कारण से शोधार्थियों को अपने शोधकार्यों में असुविधा हो रही है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में ऐसे शोध छात्रों की संख्या अधिक है जिन्हें नॉन-नेट फेलोशिप मिलती है, जिस तरह जेआरएफ, एसआरएफ फेलोशिप की धनराशि बढ़ाई गई है उसी तर्ज़ पर नॉन-नेट फेलोशिप की धनराशि भी बढ़ाई जाए ओर समय अनुसार मिले ।
दिल्ली विश्वविद्यालय में पूर्व में मिल रहे शोध एवं विकास (आर एंड डी) अनुदान को बंद कर दिया गया है, इसको तुरंत ही शुरू करने की भी माँग की जिससे शोध कर रहे अध्यापकों एवं शोधार्थियों को संसाधनों की कमी का सामना ना करना पड़े।
शोध छात्रों के लिए पुस्तकालयों में 24×7 रीडिंग हॉल की वसुविधा उपलब्ध कराई जाए।
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