जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि को लेकर जबरदस्त बवाल हो रहा है। इस पर अब छात्र जेएनयू शिक्षकों के साथ विश्वभारती विश्वविद्यालय के छात्र और विभिन्न छात्र संगठन भी समर्थन में एक बड़ा आंदोलन करने की तैय़ारी कर रहे हैं। सोमवार को जेएनयू के दीक्षांत समारोह के दिन कैंपस के बाहर छात्रों के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर अब प्रदर्शन बड़ा होने जा रहा है। जेएनयू के छात्र 14 नवंबर को नेशनल प्रोटेस्ट डे के तौर पर मनाने जा रहे हैं।
छात्र विंग आईसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन) ने देश भर के छात्रों से अपील की है कि वो 14 नवंबर को नेशनल प्रोटेस्ट डे के तौर पर मनाए। इस दिन आइसा देश भर के कैंपस में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी और जेएनयू में पुलिसिया दमन के खिलाफ नेशनल प्रोटेस्ट मनाएगा। बता दें कि जेएनयू में 999 फीसद तक फीस वृद्धि का छात्र काफी विरोध कर रहे हैं।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने भी छात्रों के आंदोलन में समर्थन दिया है। जेएनयू शिक्षक संघ (JNUTA) ने जेएनयू के छात्रों पर पुलिस बर्बरता की निंदा की है। संगठन ने जेएनयू के कुलपति को इस्तीफा देने की मांग की है। जेएनयू शिक्षक संघ 11 नवम्बर को बैठक बुलाकर सर्वसम्मति से कई प्रस्ताव भी पारित किए हैं। जेएनयूटीए ने कहा कि यह विश्वविद्यालय का फर्ज है कि छात्रों को मुनासिब मूल्यों पर आवासीय और मेस सुविधाएं मुहैया करवाए। शिक्षक संघ का कहना है कि जेएनयू में वंचित तबकों से आने वाले अनेक छात्र छात्राएं पढ़ पाते हैं क्योंकि यहां की फीस बहुत कम है।
सिलसिलेवार मामला जानिए
जेएनयू में छात्रावास का किराया 20 रुपये से 30 गुना बढ़ाकर 600 रुपये और मेस का सुरक्षा शुल्क 5,500 रुपये से लगभग दोगुना बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा छात्रों से हर माह 1700 रुपये अतिरिक्त सेवा शुल्क के रूप में देने को कहा गया है जो छात्र पहले नहीं देते थे। यह साफ-सफाई और मेंटेनेंस के नाम पर मांगा गया है। पहले इस तरह का कोई शुल्क छात्रों से नहीं लिया जाता था।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हॉस्टल फीस बढ़ाने के विरोध में ही 11 नवंबर को को छात्रों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हुई। सुरक्षाबलों ने उन पर बल प्रयोग किया और पानी की बौछार की। फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्र एआईसीटीई परिसर पहुंच गए जहां दीक्षांत समारोह चल रहा था। पुलिस ने कार्यक्रम में पहुंचे उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को वहां से निकाला, लेकिन छात्र मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से मिलने पर अड़ गए। छह घंटे बाद शाम चार बजे वह परिसर से निकल सके।
जेएनयू छात्र संघ का विरोध निजीकरण को लेकर सरकार के विरोध में बहुत पहले से होता चला आया है-
जेएनयू छात्रसंघ जेएनयू का निजीकरण के तौर पर इसे देख रहा है। उनका कहना है कि छात्रावास और मेस के कुल शुल्क में जेएनयू प्रशासन ने 999 फीसदी की वृद्धि की है। छात्रों का आरोप है कि कुलपति जगदीश कुमार जेएनयू को निजी विश्वविद्यालय की तरह बनाना चाहते हैं। छात्रसंघ का आरोप है कि छात्रावास में कर्फ्यू जैसा महौल बना दिया गया है। छात्रावास के नियम इतने सख्त कर दिए गए हैं कि छात्र पढ़ाई से ज्यादा फाइन देने की चिंता करता रहेगा। छात्रसंघ का कहना है कि जेएनयू में देशभर के गरीब छात्र पढ़ने आते हैं। अगर फीस महंगी हो जाएगी तो वंचित तबके के छात्रों के लिए जेएनयू में पढ़ने का सपना चकनाचूर हो जाएगा।
सोशल मीडिया पर गरमाया मुद्दा
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र फीस बढ़ोतरी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मुद्दे पर बॉलीवुड एक्टर और प्रोड्यूसर कमाल आर खान ने कहा है कि ‘सरकार को पूरे देश में शिक्षा को मुफ्त कर देना चाहिए, लेकिन बजाय इसके जेएनयू में फीस (JNU Fee Hike) बढ़ा दी गई है, जो बिल्कुल गलत है.’
Government should do education free in the entire country instead increasing the fees at #JNU is totally wrong. #jnuprotest #JNUFreeForAll
— KRK (@kamaalrkhan) November 12, 2019
एक तरफ इस तरह के लोगों का सपोर्ट मिलने पर छात्र इसका समर्थन कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर आज तक की एंकर श्वेता सिंह के ट्वीट की खूब आलोचना हो रही है।
एक तरफ़ हैं 20-21 साल की उम्र में नौकरी करके परिवार का पेट पालने वाले जवान। (जो टैक्स भी भरते हैं) दूसरी तरफ़… pic.twitter.com/PkmRUDzyt3
— Sweta Singh (@SwetaSinghAT) November 11, 2019
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