कट्टर
आज धर्म के नाम पर है
कल जात के नाम पर होंगे
ये बात यही नहीं रुकने वाली
ये लोग एक घर में भी दो नाम से होंगे
वो आज नफरत कर रहे है टोपी वालों से
कल वो तिलक के भी खिलाफ होंगे
जब दोनों से हो जाएगी नफरत
तब देख लेना कितने इलाके शमशान होंगे
आज चल रही है गोली
कल टैंक भी रोड पर आम होंगे
संविधान नहीं होगा सेक्युलर
तब देख लेना इसी संविधान में कट्टरपंथी प्रावधान होंगे
आज उनके घर हुआ है
कल तुम्हारे घर के अंदर भी घमासान होंगे
नहीं होगा कोई दूसरी सोच वाला
इस देश की बाग में सब फूल एक सामान होंगे
आज जो बदल रहे हैं नाम जगह के
कल देख लेना बच्चों के नाम भी इन्हीं के अनुसार होंगे
नहीं होगा कोई होगा कोई और नाम
तब देख लेना सब के नाम अल्लाह अकबर और सीता-राम होंगे
आज बांट रहे है पोहे और बिरयानी के नाम पर
कल दाल-चावल भी इसी सूची में शुमार होंगे
नहीं होगा कोई खाना बिना धर्म और जात का
तब देख लेना तुम की तुम्हारे चूल्हें के भी नाम होंगे
अगर इसी तरह बढ़ती रही कट्टरता
तो देख लेना इसके नाम पर भी मंत्रालय के नाम होंगे
निकलेगी इसमें भी वैकेंसी
इसकी नौकरी के लिए भी लाइन में करोड़ों बेरोजगार होंगे
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