अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 31 जुलाई को दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ छात्रों को दाखिले सें संबंधित हो रही परेशानी को लेकर प्रदर्शन किया। 4 घंटे तक बैठक चलने के बाद आखिरकार मांगें मान ली गईं।
यह प्रदर्शन परास्नातक दाखिले की पहली लिस्ट में प्रवेश नहीं ले पाए छात्रों को पुनः मौका देने, स्पेशल ड्राइव में वेबसाईट पोर्टल खोल कर छात्रों को बदलाव करने का मौका देने, 6वीं कट ऑफ तथा 7वीं कट ऑफ लिस्ट में पूर्व में प्रवेश ले चुके छात्रों को भी दाखिला रद कराकर पुनः मौका देने, लॉ फैकल्टी में रिजर्व कैटेगरी के छात्रों को रिजर्व कैटेगरी में ही प्रवेश दिए जाने आदि मांगों को लेकर नार्थ कैंपस स्थित ऑर्टस फैकल्टी के बाहर किया ।
प्रदर्शन के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल मिला, प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में प्रॉक्टर, ओएसडी (एडमिशन), डिप्टी ओएसडी (एडमिशन), लॉ फैकल्टी डीन तथा डीयू एडमिशन कमेटी के सदस्य उपस्थित रहे। 4 घंटे तक चली बैठक में अभाविप प्रतिनिधिमंडल ने विस्तार से अपनी मांगों के पक्ष को रखा। डीयू प्रशासन ने पोस्ट ग्रेजुएट की फर्स्ट एडमिशन लिस्ट में एडमिशन लेने से रह गए छात्रों को पुनः मौका देने, लॉ फैकल्टी में रिजर्व कैटेगरी के छात्रों को रिजर्व कैटेगरी के अन्तर्गत ही प्रवेश देने, स्पेशल ड्राइव में बिना एडमिशन कैंसिल कराए पोर्टल पर बदलाव करने, पूर्व की कट ऑफ में दाखिला ले चुके छात्रों को (सामान्य वर्ग के अतिरिक्त) छठीं तथा सातवीं कट ऑफ में मौका दिए जाने आदि मांगों को मान लिया है।
अभाविप दिल्ली के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि, “इस बार की एडमिशन कमेटी शायद दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास की सबसे खराब एडमिशन कमेटी है। जिस तरह पूरी प्रवेश प्रक्रिया के दौरान हजारों छात्रों को परेशान होना पड़ा है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। हमने आज जिन मांगों के लिए प्रदर्शन किया है, उसके पूरा होने से निश्चित ही छात्रों को राहत मिलेगी, लेकिन पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर सुधार की जरूरत है।”
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