आखिर क्यों राजनीतिक गलियारों में इस तरह की चर्चा हो रही है कि अगस्त में मोदी सरकार गिर सकती है? आखिर किसका यह बयान है जिसने इस तरह की चर्चा को पुनर्जीवित कर दिया है। वैसे तो मोदी सरकार 3.0 या बीजेपी की तीसरी बार सरकार कहा जा सकता है। लेकिन इस वर्तमान सरकार को एनडीए सरकार या बैसाखिय़ों की सरकार कहा जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी सरकार, एनडीए गठबंधन के दो दलों खासकर चन्द्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू के सहारे चल रही है। और इन दोनों दलों ने जनता में किसी एक राजनीतिक दल को लंबे समय तक सरकार बनाने के लिए समर्थन देने के मामले में अपना विश्वास खो दिया है। इसलिए ही जब से मोदी सरकार बनी है तभी से अब गिरी सरकार, तब गिरी सरकार यही बयानबाजियां और इन्हीं पर सस्पेंस की कब कौन किधर पलट जाए बना हुआ है।
इंडिया गठबंधन के तमाम नेताओं ने सरकार बनने के पहले से ही खेला होगा के आसार बताने लगे थे। लेकिन अब पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने केंद्र की मोदी सरकार को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने आरजेडी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ‘कमजोर’ है और अगले महीने की शुरुआत में ‘गिर’ सकती है। लालू प्रसाद की इस भविष्यवाणी से एक बार फिर राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए सरकार अगस्त तक गिर सकती है और चुनाव कभी भी हो सकते हैं। लालू ने राजद के स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी के 28 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में यह दावा किया। इस दौरान लालू के छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद थे।
लालू यादव के बयान के बाद शिव सेना नेता संजय राउत ने भी कहा कि लालू यादव सही कह रहे हैं। यह बैसाखी की सरकार है और ज्यादा दिन नहीं चल सकती है। मोदी सरकार नहीं चलेगी। राहुल गांधी के नेतृत्व में देश में माहौल है। नीतिश और नायडू आश्वस्त है मोदी सरकार कमजोर है।
सपा पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव ने भी हाल ही में कहा कि मोदी सरकार नीतीश नायडू की कृपा पर चल रही है। जिस दिन नीतिश और नायडू दोनों खिलाफ हो जाएंगे। उसी दिन केंद्र सरकार धराशाई हो जाएंगी। लालू यादव की ओर से मोदी सरकार के अगस्त में गिर जाने का दावा किए जाने के बाद अब इस पर राजनीति तेज हो गई है।
बीजेपी के नेता लालू यादव पर हमलावर हो गए हैं। दिल्ली से बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने कहा, ‘संविधान हाथ में लेकर लहराना एक बात है और संविधान का सम्मान करना एक बात है। संविधान का सम्मान करते तो जनादेश को स्वीकार कर चुके होते। अभी भी उनको लगता है कि पता नहीं कब उन्हें सत्ता में आने का मौका मिल जाए। ये सरकार 5 साल पूरा करेगी। ये लोग कुछ भी बोलें पहले की तरह कार्यकाल पूरा होगा।’
वहीं इसको लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने पलटवार करते हुए कहा, ‘आरजेडी के नेता हो या फिर कांग्रेस के ये लोग सिर्फ भ्रम पैदा कर रहे हैं। लालू जी का ये कहना कि अगस्त में सरकार गिर जाएगी ये कौन सी सनक वाली बात कह रहे हैं।
अब एक सवाल जरूर उठता है कि आखिर क्या विपक्षी दलों के नेताओं के बयानबाजी में कुछ सच्चाई भी है? इसके पहले आपको ये जरूर समझना होगा कि नीतिश और नायडू के बारे में जिस तरह से महत्वपूर्ण मंत्री पद और स्पीकर पद को लेकर मांग की खबरे आईं उनमें से कुछ भी नहीं मिल सका। और अभी हाल ही में नायडू ने अपने राज्य को लेकर विशेष पैकेज की मांग को लेकर पीएम मोदी से मुलाकात की। इन सब वजहों को भी इस मिली जुली सरकार से जोड़ कर देखा जा रहा है। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मोदी सरकार के इनकार के बाद टीडीपी 2018 में एनडीए से बाहर हो गई थी। लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी एनडीए में लौट आई। अब पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि राज्य को विशेष दर्जे से कहीं अधिक की ज़रूरत है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की एक तस्वीर सामने आई है। राजनीति के जानकार इस तस्वीर के अलग-अलग मायनें निकाल रहे हैं। इस तस्वीर में पीएम मोदी चंद्रबाबू नायडू एक साथ बैठे दिख रहे हैं। चंद्रबाबू नायडू के हाथ में एक लिफाफा है और चेहरे पर मंद-मंद मुस्कान है। चंद्रबाबू नायडू के हाथ में जो लिफाफा है उसे देखकर ऐसा लग रहा है कि वो राज्य के लिए अपनी मांगों की लिस्ट लेकर पीएम से मिलने गए हैं। हालांकि, इस लिफाफे में क्या था, इसे लेकर कोई औपचारिक जानकारी नहीं मिली है। चंद्रबाबू नायडू की पीएम मोदी से मुलाकात को आंध्र प्रदेश को मिलने वाले विशेष पैकेज या मदद मिलने की संभावनाओं के तौर पर भी देखा जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि नायडू ने इस बैठक के दौरान राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर केंद्र का सहयोग मांगा होगा।
खबरों के अनुसार नायडू ने आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा ना मिलने की स्थिति में केंद्र सरकार से राज्य के लिए अधिक सहायता मांगी है।
लोकसभा चुनाव 2024 में BJP 400 पार का नारा दे रही थी, लेकिन बहुमत के आंकड़े 272 को भी बीजेपी पार नहीं कर पाई। BJP को 543 में से 240 सीटें ही मिली। NDA के घटक दलों को मिलाकर आंकड़ा 293 हो गया। NDA में चंद्रबाबू की TDP 16 सीटों के साथ दूसरी और नीतीश की JDU 12 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों ही पार्टियां इस वक्त BJP के लिए जरूरी हैं। इनके बिना BJP का सरकार चलाना मुश्किल है। इसी लिए मोदी सरकार बैसाखियों की सरकार कही जा रही है। और इस तरह की बयानबाजियों औऱ सस्पेंस पर चर्चा छिड़ी हुई है।
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