महंगाई और रोजगार पर लोकगीत गाकर प्रदीप मौर्य क्यों हो रहे वायरल, जानिये
रात भर डंडा लेके हाकत हई सांड मैं भी चौकीदार, मैं भी चौकीदार इसी तरह अवधी में स्पष्ट लिखने और गाने वाले सोशल मीडिया पर उभरते हुए युवा लोक कलाकारों में से एक प्रदीप मौर्या…
रात भर डंडा लेके हाकत हई सांड मैं भी चौकीदार, मैं भी चौकीदार इसी तरह अवधी में स्पष्ट लिखने और गाने वाले सोशल मीडिया पर उभरते हुए युवा लोक कलाकारों में से एक प्रदीप मौर्या…
-सुकृति गुप्ता (महान कवि की यादों पर विशेष) “स्वप्न झरे फूल से, मीत चुभे शूल से लुट गये सिंगार सभी बाग़ के बबूल से और हम खड़े-खड़े बहार देखते रहे। कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते…