कविताः मैं नारी हूँ
-राधिका सबल हूँ, प्रबल हूँ, मैं नारी हूँ। अनिश्चितताओं में जन्म हुआ, मन उपेक्षाओं का शिकार हुआ, फिर भी, धीर हूँ, गंभीर हूँ, मैं नारी हूँ। रास्ते हैं हमारे काँटों से भरे फिर भी, जीवन…
-राधिका सबल हूँ, प्रबल हूँ, मैं नारी हूँ। अनिश्चितताओं में जन्म हुआ, मन उपेक्षाओं का शिकार हुआ, फिर भी, धीर हूँ, गंभीर हूँ, मैं नारी हूँ। रास्ते हैं हमारे काँटों से भरे फिर भी, जीवन…