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musibat ke siwa kuch b nhi

मुसीबत के सिवा कुछ भी नहीं (कविता)

– संजय भास्कर  जिंदगी तो एक मुसीबत है मुसीबत के सिवा कुछ भी नहीं   पत्थरों तुम्हे क्यूं पूजूं तुमसे भी तो मिला कुछ भी नहीं   रोया तो बहुत हूं आज तक अब भी…