अमृता: इमरोज का वो कैनवास, जिससे सबने केवल इश्क चुराया
प्रिय अमृता, माफ करना, बिना पूछे या जाने ही तुम्हें प्रिय लिख रहा हूं। लेकिन क्या करूं, तुम्हारे बारे में पढ़-पढ़ कर बस इतना ही समझ पाया कि तुम प्रेम की किसी मूरत जैसी ही…
प्रिय अमृता, माफ करना, बिना पूछे या जाने ही तुम्हें प्रिय लिख रहा हूं। लेकिन क्या करूं, तुम्हारे बारे में पढ़-पढ़ कर बस इतना ही समझ पाया कि तुम प्रेम की किसी मूरत जैसी ही…
‘इंडियापा‘। आप सोच रहे होंगे यह कैसा नाम है, मेरे दिमाग में भी सबसे पहले यही आया था। दरअसल यह एक प्रेम पर आधारित उपन्यास है। उपन्यासकार विनोद दूबे ने इसे आत्मकथात्मक शैली में लिखा…