राम जेठमलानी – स्मगलरों को उनकी काली कमाई से मुक्ति दिलाना जिसका कर्तव्य था
साल था 1959। उस वक्त की न्याय व्यवस्था आज की तरह नहीं थी, जूरी का सिस्टम था। एक पारसी बांका नेवी ऑफिसर कावस नानावटी कोर्ट में मौजूद था। मामला था कि उसने एक प्लेबॉय प्रेम…
साल था 1959। उस वक्त की न्याय व्यवस्था आज की तरह नहीं थी, जूरी का सिस्टम था। एक पारसी बांका नेवी ऑफिसर कावस नानावटी कोर्ट में मौजूद था। मामला था कि उसने एक प्लेबॉय प्रेम…