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do pal

बचपन के दोस्त (कविता)

एक बार फिर याद आए वो दोस्त जिन्होंने बचपन में की थी मिलकर अनगिनत शरारतें और किए थे साथ चलने के अनेकों वादे सब छूट गए कहीं पीछे, दूर बहुत दूर वो स्कूल की आख़िरी…