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chndrashekher tiwari

कविताः पंछी पपीहा की व्यथा

वृक्ष धरा के हैं आभूषण, करते हैं नित दूर प्रदूषण अखिल विश्व के जीवन में नित जीवन रक्षक वायु बहाते सुंदर छाह पथिक को देते, राहगीर भी चलते-फिरते शरणागत हो जाते इनके। कवि चन्द्रशेखर तिवारी…