SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

boodha peepal

कविताः बूढ़ा पीपल

-रेवा बहुत खुश था वो गांव के चौराहे पर खड़ा बूढ़ा पीपल,   बरसों से खड़ा था अटल सबके दुःख सुख का साथी लाखों मन्नत के धागे खुद पर ओढ़े हुए, कभी पति की लम्बी…