…आने वाले दिनों में (कविता)
– संजय भास्कर आने वाले दिनों में जब हम सब कविता लिखते पढ़ते बूढ़े हो जायेंगे उस समय लिखने के लिए शायद जरूरत न पड़े पर पढ़ने के लिए एक मोटे चश्मे की जरूरत पड़ेगी…
– संजय भास्कर आने वाले दिनों में जब हम सब कविता लिखते पढ़ते बूढ़े हो जायेंगे उस समय लिखने के लिए शायद जरूरत न पड़े पर पढ़ने के लिए एक मोटे चश्मे की जरूरत पड़ेगी…