SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

समझौतों की कोई जु़बान नहीं होती

समझौतों की कोई जु़बान नहीं होती (कविता)

तल्‍लीन चेहरों का सच कभी पढ़कर देखना कितने ही घुमावदार रास्‍तों पर होता हुआ यह सरपट दौड़ता है मन हैरान रह जाती हूँ कई बार इस रफ्त़ार से अच्‍छा लगता है शांत दिखना पर कितना…