हर युग में चीर हुआ औरत का
हर युग में चीर हुआ औरत का, कपड़ों की कमी न गाओ। हैवान दरिंदों को तुम सब मिलकर ऐसे न बढ़ाओ। अपने-अपने बेटों को भी, संस्कार शब्द सिखलाओ। कब तक बेटी दोषी होगी, बेटों…
हर युग में चीर हुआ औरत का, कपड़ों की कमी न गाओ। हैवान दरिंदों को तुम सब मिलकर ऐसे न बढ़ाओ। अपने-अपने बेटों को भी, संस्कार शब्द सिखलाओ। कब तक बेटी दोषी होगी, बेटों…
आज देश में नारी के ऊपर इतने अत्याचार हो रहे हैं, शायद किसी और सदी में नारी की यह स्थिति नहीं थी। आये दिन हमें बलात्कार, शोषण, छेड़-छाड़, उत्पीड़न, दुष्कर्म, हत्या आदि ख़बरें नारी के…