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मगर अब तो और भी पल-पल मुझे रुलाती जा रही मेरी जिंदगी।

मेरी जिंदगी (कविता)

जितना ही मैं अपनी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करती हूँ, उतना ही अत्यधिक उलझनों में मुझे उलझाती जा रही मेरी जिंदगी; चाहती तो हूँ मैं भी खूब हँसना-मुस्कुराना दिल से हर-दिन, हर-पल, मगर अब…