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पिता पर कविता

पितृ दिवस पर कविताः पिता से अमीर शख्स इस दुनिया में कहीं और कहां मिलता है

तपती दोपहरी में जो सुकून उस बरगद के पेड़ की छांव में मिलता है ढूंढ़ने भर से पूरे ज़माने में वो फिर और कही कहां मिलता है   कितनी भी कमा लूं दौलत कितने भी…