मेले में पान बीड़ी की दुकान लगाए, कवि “लिखे जो खत तुझे”, मुझको याद किया जाएगा
-सुकृति गुप्ता (महान कवि की यादों पर विशेष) “स्वप्न झरे फूल से, मीत चुभे शूल से लुट गये सिंगार सभी बाग़ के बबूल से और हम खड़े-खड़े बहार देखते रहे। कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते…