कविता: बाधक! जय हो तुम्हारी
जय हो तुम्हारी, विजय हो तुम्हारी, कदम-कदम पर बनने वाले बाधक! जय हो, विजय हो, हर पल में अपराजय हो तुम्हारी। क्योंकि, जब होगी जय तुम्हारी, जब होगी विजय तुम्हारी, तब-तब मेरा साहस खुद जागेगा,…
जय हो तुम्हारी, विजय हो तुम्हारी, कदम-कदम पर बनने वाले बाधक! जय हो, विजय हो, हर पल में अपराजय हो तुम्हारी। क्योंकि, जब होगी जय तुम्हारी, जब होगी विजय तुम्हारी, तब-तब मेरा साहस खुद जागेगा,…