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रामदेव के गुरुकुल ने 4 बच्चों को बंधक बनाया, सीएम बघेल ने छुड़वाया!

रामदेव, तस्वीर- गूगल साभार

इनको ध्यान से देखिये। इनका नाम और काम सुना ही होगा। बड़ी-बड़ी बातें करने वाली बाबा अपने नाम के साथ लगाने वाले ये रामदेव है। अब आजकल हर कोई इन्हें जेल में ले जाने की बात कर रहा है। लेकिन इतना आसान राह भी नहीं दिख रही है। लेकिन जिस तरीके से एक के बाद एक बयान और विवादों में ये तथाकथित बाबा फंसते जा रहे हैं। उससे इनके जेल में जाने के दिन नजदीक आते हुए दिख रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे है सलवार वाले बाबा रामदेव की। ताजा मामला बाबा के गुरुकुल में बंधक बनाये गए बच्चों का है।

पहले रामदेव के गुरुकुल में बंधक बनाये गए बच्चों की खबरों पर बात करे उससे पहले हम आपको बता दें कि इस पर बात करना क्यों जरूरी है? गूगल में अगर बाबा रामदेव को सर्च कर लें तो इनके सारे करामातों की चर्चा मिल जाएगी। हर दूसरी-तीसरी खबर इनके उन करामातों पर है जिसकी वजह से इन्हें जेल भेजा जाना चाहिये। लेकिन ऐसा नहीं होगा क्योंकि ये खुद भी ऐसा ही कुछ कहते हैं- सुनिये

गिरफ्तार तो उनका बाप भी कोई नहीं कर सकता, सुन लिया न। बस इसे ध्यान में रखियेगा क्योंकि हम उसी पर आगे बात करेंगे।

लेकिन उससे पहले जो चर्चा में है खबर और जिस पर हम बात रखने जा रहे हैं उसे देखिए। खबर अलग-अलग समाचार पत्रों में छपी है। लेकिन हेडलाइन मैनेजमेंट के चक्कर में सीधे तौर पर कोई रामदेव को नहीं घसीट रहा लेकिन इस बड़े अपराध के दोषी ये तथाकथित बाबा रामदेव हैं। इन तीनों मासूम बच्चों को ध्यान से देखिये। यही वे बच्चे हैं जो तथाकथित बाबा रामदेव के, मैं बाबा न बोलकर तथाकथित बाबा बार-बार बोल रहा हूं क्योंकि मैं इनके व्यक्तिगत रूप से बाबा कभी नहीं मानता। इससे बाबा नाम का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। इसलिए मैं कह रहा हूं कि तथाकथित बाबा रामदेव के हरिद्वार के पतंजलि गुरुकुलम से 4 बच्चे छुड़ाये गए। बताया जा रहा है कि वैदिक कन्या गुरुकुलम के संचालक ने 6 लाख रुपये इन बच्चों को छुड़ाने के लिए मांग की थी। पिता ने शिकायत की तब जाकर देर रात को इन्हें सौंपा गया।

बच्चों की वापसी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि बच्चों को बंधक बनाए जाने की शिकायत उन्हें मिली थी। छत्तीसगढ़ के CM बघेल ने लिखा- पतंजलि गुरुकुल स्कूल में छत्तीसगढ़ के 4 छात्रों को बंधक बनाए जाने की शिकायत मुझ तक पहुंची थी। गरियाबंद कलेक्टर और एसपी की पहल पर बंधक बनाए गए बच्चों को छोड़ दिया गया है। मैं बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।

पूरा मामला जान लीजिए, न्यूज 18 ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि मामला रामदेव के वैदिक शिक्षण संस्थान गुरुकुलम से जुड़ा है, जिस पर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के कुछ अभिभावकों ने अपने 4 बच्चों को हरिद्वार स्थित गुरुकुलम में बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि अभिभावकों ने हरिद्वार के जिलाधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर मदद मांगी थी जिसमें अभिभावकों ने कहा कि 4 बच्चों को परिजनों को सौंपने के लिए गुरुकुलम प्रबंधन की ओर से 50 हज़ार रुपए प्रति छात्र सिक्योर‍िटी मनी मांगी गई. इस पत्र की कॉपी सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद बच्चे गुरुकुलम से मुक्त कराया जाए सके. वहीं छत्‍तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद हलचल तेज हो गई है। हरिद्वार के जिलाधिकारी का पूरे मामले पर कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है. इस पर संबंधित संस्थान से बात की गई है और अधिकारियों को भी जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।

भास्कर की खबर के अनुसार, बच्चों के पिता, पेशे से शिक्षक कौशल ने बताया कि वहां की अव्यवस्था के चलते बच्चों को वापस लाने का निर्णय लिया है। हर बच्चे के लिए 65 हजार रुपए जमा किए थे। अब उन्हें वापस भेजने के नाम पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपए और मांगे गए। ऐसे में 4 बच्चों के 6 लाख रुपए जमा करने को कहा गया। इस पर उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से मदद मांगी। जिसके बाद गरियाबंद कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर के प्रयासों से स्थानीय प्रशासन ने सहयोग किया और रात करीब 10.40 बजे बच्चे उन्हें सौंपे गए। सुबह 4 बजे वे घर के लिए निकले हैं।

दैनिक भास्कर आगे लिखता है कि

देवभोग ब्लॉक के धौराकोट निवासी शिक्षक कौशल सिन्हा ने अपने बेटा व बेटी को वहां पढ़ने के लिए रखा था। उनके साथ कौशल के साले परमेश्वर के भी दोनों बच्चे वहां पढ़ने गए थे। कौशल बुधवार को अपने ससुर ललित राम सिन्हा के साथ बच्चों से मिलने हरिद्वार स्थित गुरुकुलम पहुंचे। वहां कोरोना जांच का हवाला दिया गया। आरोप है कि रुड़की अस्पताल की रिपोर्ट भी नहीं मानी गई और कहा कि पतंजलि में जांच कराना अनिवार्य है। रिपोर्ट 4 दिनों बाद आएगी। तब मिलने दिया जाएगा।

हमने आचार्यकुलम की फीस के बारे में जानकारी करने की कोशिश की तो जनसत्ता की यह खबर मिली जिसमें आचार्यकुलम की फीस बताई गई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि आचार्यकुलम में पांचवी में जब दाखिला होता है तो बच्चे से 1 साल के 2,02,000 लिए जाते हैं जिसमें ट्यूशन फीस के साथ साथ बच्चे के रहने खाने का खर्चा भी शामिल होता है। इसमें 30,000 रुपये इंप्रेस्ट के नाम के माने जाते हैं। इम्प्रेस्ट यानि छात्र या छात्रा को विद्यालय के स्टोर से जो कुछ सामान लेना होता है उसका पैसा। साथ ही 10 हजार रुपये की सिक्योरिटी भी।

अगर इतनी महंगी फीस और सिक्योरिटी है तो फिर इस तरह से बंधक बच्चों को कैसे बनाया जा रहा है?

फिलहाल सारी नौटंकी बंधक बनाकर पैसे हड़पने की लग रही है। और इन सबके पीछे रामदेव का फैल रहा साम्राज्य है। जिसने अपनी सरकार और प्रशासन पर पकड़ के चलते काला सफेद धंधा करके सब कुछ हासिल कर लिया है। यह मैं नहीं कह रहा हूं आप खुद जानते होंगे। और इसलिए ही अब फिरसे आपको इस वीडियो की ओर ले चलते हैं जिसमें रामदेव यह बोलते नजर आ रहे हैं कि

गिरफ्तार तो उनका बाप भी कोई नहीं कर सकता

आपको बता दें क‍ि अभी रामदेव और आईएमए के बीच चल रहा व‍िवाद शांत नहीं हुआ है. आईएमए ने रामदेव के ख‍िलाफ केस दर्ज कराया है। पहले यह मामला समझ लीजिये और फिर बात करेंगे कि रामदेव क्यों कहता है कि गिरफ्तार तो उनका बाप भी नहीं कर सकता। यहां मैंने बोल दिया कि “क्यों कहता है” यह रामदेव का अनादर मैंने जानबूझकर इसलिए किया क्योंकि उसकी बाप जैसे शब्दावली देकर चुनौती करने का मतलब देश के संविधान को चुनौती देना है। साथ ही यह उसकी अमर्यादित और गुंडई वाली भाषा है। तो सबसे पहले मामला समझिये

हाल ही में रामदेव को एक वायरल वीडियो क्लिप में दिए गए उस बयान को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था जिसमें वह कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर सवाल उठाते और यह कहते सुने गए थे कि ‘कोविड-19 के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से लाखों लोग की मौत हो गई.’ इस टिप्पणी का डॉक्टरों के संघ ने जोरदार विरोध किया, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने उनसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बयान वापस लेने के लिए कहा. एक दिन बाद, योग गुरु ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ‘खुले पत्र’ में आईएमए से 25 प्रश्न पूछे. इसमें पूछा गया था कि क्या एलोपैथी ने उच्च रक्तचाप और टाइप -1 और टाइप-2 मधुमेह जैसी बीमारियों के लिए स्थायी राहत प्रदान की है. उन्होंने पार्किंसंस रोग जैसी आधुनिक समय की बीमारियों को सूचीबद्ध किया और सवाल किया कि क्या एलोपैथी में इंफर्टिलिटी (बांझपन) का बिना दर्द का इलाज है. इसके बाद, रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने इसे साजिश बताते हुए कहा कि आईएमए संगठन के तहत एलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा रामदेव और आयुर्वेद को निशाना बनाया जा रहा है।

इसी को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने रामदेव के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए एलोपैथी पर उनके ‘भ्रामक एवं गलत बयानी’ को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की. आईएमए ने आईपी ​​एस्टेट पुलिस थाने में दी गई अपनी शिकायत में कहा कि रामदेव ने कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों का स्थापित और अनुमोदित तरीकों एवं दवाओं से इलाज के बारे में ‘‘जानबूझकर एवं सोच समझकर झूठी, आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण जानकारी फैलायी.’’ इस बारे में अभी जांच चल ही रही है कि रामदेव के बारे में एक खबर यह भी आई।

IMA से रामदेव की तकरार के बीच पतंजलि के सरसों तेल में मिलावट की शिकायत, अलवर में फैक्ट्री सील की गई। तो इस खबर से चौंकिये न यह रामदेव व्यापारी है और ऐसा व्यापारी जो खजाना देश का कैसे लूटे सब पता है। और सरकार ऐसे लोगों को क्यों जेल भेजेगी। क्योंकि मैं यह खबर मौखिक बताता उससे अच्छा यह लिखित समाचार में हैं तो गौर कीजिये। जनसत्ता की इस खबर में लिखा है कि  कोई छूता है पैर तो कई झुक कर करता है सलाम, देखें ताकतवर केंद्रीय मंत्रियों संग कैसे हैं रामदेव के संबंध

इस खबर के अंदर वायरल रामदेव की सरकार और उसमें शामिल मंत्रियों के साथ ये फोटोज हैं।

एलोपैथी और डॉक्टरों पर विवादित बयान के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने उनपर हमलावर रुख अख्तियार किया हुआ है। 1000 करोड़ रुपए के मानहानि केस के बाद रामदेव के खिलाफ आईएमए ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। इतना ही नहीं IMA ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को चिट्ठी लिखकर रामदेव के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की अपील की है। लेकिन ऐसा नहीं होगा कि रामदेव की गिरफ्तारी हो और ऐसा दावा वो खुद करता भी है कि किसी का बाप भी रामदेव को जेल नहीं भेज सकता। क्योंकि रामदेव का पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय स्वास्थय मंत्री हर्षवर्धन, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो जिनको आप जानते ही है कि बीजेपी से टिकट बाबा रामदेव ने ही दिलवाया था। बाबुल खुद इस बात को कबूल कर चुके हैं। ये सब के सब बाबा कि हितैषी और साथी हैं।

 

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

प्रभात
लेखक FORUM4 के संपादक हैं।

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