SUBSCRIBE
FOLLOW US
  • YouTube
Loading

प्रधानमंत्री जी! प्राचीन भारत में बस हम पहुंचने वाले हैं, थोड़ा और जोर लगाइए…

तस्वीरः गूगल साभार

आदरणीय प्रधानमंत्री जी, मैं आधुनिक भारत के सख्त खिलाफ था और अभी भी हूँ। मैं प्राचीन भारत देखना चाहता हूँ। आप भी इसके पक्ष में तो होंगे ही। अगर आप हमें और इस भारत को गौतम बुध्द के जमाने में पहुंचा सकें तो मेरे लिये वो अप्रतिम पल शायद स्वर्ग से भी अच्छा होगा। लेकिन कोई बात नहीं आप केवल सम्राट अशोक के कार्यकाल तक हमें पहुंचा दीजिए।
आप तो माहिर हैं तत्काल एक्शन लेने के लिए। यह तो हमें नोटबंदी, 370 आदि पर दिख गया है। हमें पूर्ण विश्वास हो गया है। अब भी वही निर्णय लीजिये देर न कीजिये। क्योंकि आपने जो तत्काल निर्णय लिए हैं उसके सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं और आगे दिख रहे हैं। अब ज्यादा दूर नहीं हैं उस प्राचीन भारत से। अभी हिंसा होगी खून खराबा होगा सब कुछ उसके बाद नार्मल हो जाएगा। इस चक्र में हम फंसे ही क्यों। आप इस चक्र को ही तोड़ दीजिये।

काश!  कोई प्राकृतिक या मानवजनित आपदा आए उससे पहले आसानी से आप उस प्राचीन भारत का दर्शन तो करा ही सकते हैं। आप सारी मेट्रो, बस, सड़कें बंद कर देते इतना ही नहीं अगर सड़कों को तुड़वा देते तो ये वायु प्रदूषण पर विराम लगता। पेट्रोल, प्याज से लेकर दूध तक की मंहगाई काबू में आती।
लोग साइकिल और बैलगाड़ी से सवारी करेंगे तो बैलगाड़ी की तरह चलने वाली अर्थव्यवस्था शायद साइकिल की तरह चलने लगती। गाय से प्यार स्नेह होगा तो फिर से हम गऊ माता खुद से बोलने लगेंगे।

इंटरनेट बंद करके केवल कुछ जगहों को बर्बाद न कीजिये। आप सब जगहों को समान अवसर देते हुए बस इंटरनेट से छुटकारा दिला दीजिये। जियो रिलायंस जैसे कम्पनियों के मालिक की संपत्ति पर विराम तो लगता। अमीर-गरीब के बीच फासला तो न रहेगा। इतना ही नहीं जब इंटरनेट बंद होगा तो सोचिए कि मोबाइल बंद होगा। रेडिएशन नहीं होगा। लोगों को हिंसा करने में कम मदद मिलेगी। लोग भड़केंगे नहीं। समाचार पत्र अगर आएंगे तो उन पर जिम्म्मेदारी बढ़ेंगी। प्राचीन मीडिया संचार में बदल जाएगा। लोग सोशल मीडिया छोड़ देंगे तो डिप्रेशन कम हो जाएगा। साथ ही साथ जो पढ़ने से पहले पहले तड़क भड़क चीजों से मनोरंजन कर लेते हैं वो भी नहीं कर पाएंगे। टीवी पर भारत पाकिस्तान चीन का हमला तो नहीं होगा जो होगा हम सब देख लेंगे।

आपके पास रथ होगा तो सोचिए आपका सम्मान लोग किस तरह से करेंगे। आप राजा होंगे और आपके राजमहल में कुछ नृत्य होंगे। नृत्यांगना होंगी। बंशी वाला होगा। आप अपनी वंशज को बढ़ा लीजिएगा क्या पता राम खुद आ जाएं तो राम मंदिर भी नहीं बनवाना पड़ेगा आपको। आपका संविधान सब लागू होगा। आम्बेडकर के संविधान को उधार न लेना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री जी एक काम कीजिये सारी पुलिस को गोला दीजिये। लाठी से काम नहीं चल पा रहा। इससे जनसंख्या नियंत्रण करने में आसानी होगी। कम लोग रहेंगे तो बहुत कुछ कम कम हो जाएगा। ज्यादा जनसंख्या बढ़ने से पृथ्वी पर अनावश्यक बोझ या दबाव बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री जी आप जानकर हैरान होंगे कि मोबाइल विहीन समाज मे सभ्य संस्कृतियों का विकास शुरू हो जाता है। इसके बाद तो राम राज्य हो जाएगा अपने आप। आप तो यही चाहते हैं ना।

ऐसा कीजिये कि आपका प्रोजेक्ट नमामि गंगे का है जो उसको बुला लीजिये वापिस। गंगा मंत्रालय स्वच्छ भारत होने का मतलब जानते हैं अस्वच्छ हो जा रहा है सब कुछ। इसकी बजाय आप एक आदेश दीजिये वाटर टैंक मँगाईये और सड़क पर दिन रात गिराइए उससे क्या होगा सड़क स्वच्छ रहेंगे। अगर ये भी न करना हो तो तुड़वा दीजिये सड़क पानी ऐसी जगह गिराइए जहां गड्ढा हो इससे पोखरा बनेगा। उसमें मछलियां आएंगी। फिर तो जानते ही हैं जल के अंदर क्या-क्या विकसित होगा। आपने तो पढ़ा ही है एनवायरमेंट और इकोलॉजी अच्छे से। फिर मुझे ज्यादा बताने की जरूरत भी नहीं। फिर जल तंत्र मजबूत होने के बाद वायु तंत्र मजबूत हो जाएगा। सारे चक्र आपने आप जो इधर उधर कट रहे हैं। समाहित होकर चलने लगेंगे। क्यों? फारेस्ट इकोसिस्टम अच्छे से विकसित हो जाएगा। और फिर वन्य प्राणी आएंगे। टाइगर पैदा होंगे। और फिर आप उनका शिकार करने निकलेंगे तो क्या एहसास होगा आपको 55 इंच वाला सीना ठोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पहले ही शेर की तरह आप दहाड़ सकेंगे।

आप केवल 21 सेंट्रल यूनिवर्सिटी न बंद कराइये। आप 50 से ऊपर जितने भी सेण्ट्रल यूनिवर्सिटीज हैं सारे बंद कराइये। आपको तो राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। और तो और धर्म और संस्कृति का ज्ञान जबरदस्ती नहीं देना पड़ेगा। और न ही किसी गुरु को सैलरी। क्या होगा न कि अपने आप हर जगह गुरुआश्रम विकसित हो जाएंगे। गुरुदीक्षा से काम चल जाएगा।

आप एक काम और कीजिये रेल जिसे ब्रिटिशर्स थोप गए उसे उड़वा दीजिये उससे क्या होगा कि ब्रिटिशर्स जो जो दे गए हैं सब खत्म हो जाएगा और तो और इटालियन और एंग्लो इंडियन पीढी से दिक्कत भी खत्म हो जाएगी। वंशवाद परिवारवाद इन सबका कोई मतलब नहीं रहेगा। और तो और रेल खत्म होने से रेल मंत्रालय की जिम्मेदारियां और निजीकरण जैसी नाहक परेशानी अपने आप खत्म हो जाएंगी। क्या होगा न कि जो आपने लड़कियों को लगाया है रेलवे में वो भी अपने राजमहल में बुलवा लीजिएगा। कम से कम अभी रोजगार नहीं हैं उन्हें कश्मीर से क्यों बुलवाईएगा सीधे आ जाएंगे वहीं से।

धर्म अधर्म क्या लगा रखे हैं। कौन देश और कौन सा विदेश सब खुला कर दीजिये बॉर्डर। सबको लड़ लेने दीजिये। अभी तो सब विदेशी आने से डर रहे हैं आएंगे तो कम से कम वे आपस में मर लड़ के खत्म हो जाएंगे। आप का एक लाठी से ही सारा काम हो जाएगा।

दूसरी बात ईवीएम का जहां तक सवाल है झूठे ही आप पर आरोप लगता है कि आपने ईवीएम का कुछ सेटिंग किया। सब खत्म हो जाएगा। चुनाव आयोग की जरूरत ही क्या पड़ेगी। चुनाव ही नहीं होंगे। जब संविधान जैसे वाहियात चीजों से बड़ी अन्मिया चन्मिया नंद की कहानी भी न रहेगी।

अंत में प्रधानमंत्री जी आप तो सब कुछ कर सकते हैं इसलिए विनम्र निवेदन है आप परिस्थिति समझिए सब आधा-आधा पहले से हो गया है। इसे और पूरा करके एक क्षत्र में सब ले आइए। सब कुछ ठीक।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

प्रभात
लेखक फोरम4 के संपादक हैं।

Be the first to comment on "प्रधानमंत्री जी! प्राचीन भारत में बस हम पहुंचने वाले हैं, थोड़ा और जोर लगाइए…"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*