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डीयू- 39 मंजिला निजी इमारत के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे राजा की तबियत बिगड़ी, अभी भी सरकार ने नहीं ली सुध

दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में बनाई जा रही 39-मंजिला निजी इमारत के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन को 12 दिन हो गए हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राजा चौधरी के आमरण अनशन का 15 नवंबर को छठां दिन है। दिल्ली विश्वविद्यालय स्थित डब्ल्यूयूएस के डॉक्टर ने मेडिकल जांच के बाद राजा चौधरी की तबियत काफी बिगड़ने की बात कही है। डॉक्टरों की टीम ने उन्हें पीलिया, आंखों में संक्रमण होने की बात कही है। साथ ही यह भी कहा कि उन्हें जल्द ही अनशन छोड़ देना चाहिए वरना हालत बहुत बिगड़ सकती है। डॉक्टरों की टीम ने दो मेडिकल जांच कराने को भी कहा, जिसे राजा ने कराने से अभी मना कर किया है। उनका कहना है कि जब तक रक्षा मंत्रालय से उचित आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक किसी तरह की मेडिकल चेकअप नहीं कराएंगे।

वीडियोः डीयू में 39 मंजिला इमारत को बनने से रोकने के लिए सड़कों पर क्यों आ रहे छात्र

बता दें कि डीयू के नॉर्थ कैम्पस में कुलपति आवास के ठीक बगल छात्रा मार्ग पर दिल्ली विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से सटे खाली भूमि पर 39 मंजिला निजी इमारत बनाई जा रही है। इसको लेकर छात्र, शिक्षक और डीयू प्रशासन लगातार विरोध करता आया है। इसी के विरोध में उस खाली जमीन पर निजी इमारत की जगह छात्र हॉस्टल की मांग कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के छात्र पिछले 12 दिनों से प्रदर्शन भी कर रहे हैं। पिछले 6 दिनों से छात्रों का भूख हड़ताल भी चल रहा है। छात्र राजा चौधरी कुलपति आवास के ठीक सामने टेंट में बैठकर छात्रावास की मांग को लेकर आमरण अनश कर रहे है। इस मामले में डीयू प्रशासन भी सहयोग कर रहा है। राजा चौधरी का का कहना है कि अगर हमारे विश्वविद्यालय परिसर में बनाई जा रही निजी बिल्डिंग को नहीं रोका गया तो हम चुप नहीं बैठेंगे। साथ ही डीयू के तमाम छात्र को एकत्रित करेंगे और रक्षा मंत्रालय सहित तमाम संबंधित ऑथोरिटी को घेरेंगे।

देखें वीडियो

क्या है पूरा मामला

विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के पीछे छात्र मार्ग पर 39-मंजिला की एक निजी बिल्डिंग बनाई जा रही है। जिसका मालिकाना हक़ यंग बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के हाथों में हैं, सन् 2001 में 3.5 एकड़ में फैली इस जमीन को भारत सरकार की डिफेन्स मिनिस्ट्री से दिल्ली मेट्रो ने स्टेशन बनाने तथा अन्य विकास कार्य के लिए 42.2 करोड़ में लिया था। मेट्रो का कार्य लगभग 1.5 एकड़ में ही समाप्त हो गया। 2008 में शेष बचे 2 एकड़ जमीन को 218 करोड़ में एक निजी बिल्डर (यंग बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड) को 90 साल के लिए लीज पर दे दिया गया। अब उस जमीन पर 39-मंजिले आवासीय बिल्डिंग बनाई जा रही है। जिसमें 410 आवासें होंगे।

दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय के दो कैंपस- नार्थ और साउथ को क्लोज कैंपस बनाने का प्रस्ताव है। हाल ही में विश्वविद्यालय एग्जीक्यूटिव काउंसिल मीटिंग में वीसी ने क्लोज कैंपस बनाने के प्रस्ताव को पारित किया और एमसीडी की मदद से साल भर में इसे पूरा करने का दावा भी किया गया है। परन्तु इमारत के बन जाने से ही,दिव्यांग छात्रों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। प्रस्तावित ईमारत बनने वाली जगह से सटे हुए ही कुलपति आवास है तथा छात्र मार्ग पर ही 4 लड़किय़ों के छात्रावास हैं, जिसके निजता का सवाल महत्वपूर्ण है।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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