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रेलवे भर्ती परीक्षा को लेकर छात्रों में क्यों है गुस्सा, जानिए क्या है पूरा मामला?

देश में बीते 2 सालों से बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। हर पांच सालों में चुनाव आते हैं और चले जाते हैं। चुनावों में युवाओं के लिए बड़ी बड़ी घोषणाएं की जाती है। लाखों नौकरियां देने के वादें किए जाते है। सरकार बनती है और किये एक वादों को भूल जाती है या फिर तथातथित झूठे विज्ञापनों के जरीए लोगों में ये भ्रम डाल देती है कि वर्तमान सरकार ने तो लाखों नौकरियां युवाओं को दे दी। इस समय देश में हर वर्ग सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करता नज़र आता है। फिर वे चाहे 69000 शिक्षक भर्ती हो या एसएससी जीडी भर्ती 2018 (SSC GD) हो या फिर रेलवे भर्ती हो सबको प्रदर्शन की एक प्रक्रिया ये होकर गुजरना ही पड़ता है।

28 जनवरी यानी आज रेलवे भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर छात्रों की ओर से बिहार बंद का आह्वान किया गया है। बिहार बंद में आरजेडी, जन अधिकार पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा समेत कई पार्टियां भी इसके समर्थन में है।

क्या है पूरा मामला?

24 जनवरी से छात्र बिहार के कई जिलों में रेलवे भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर प्रर्दशन कर रहे हैं। ये प्रदर्शन देखते ही देखते उग्र हो गया। पुलिस और छात्रों के बीच मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में कई छात्र घायल हो गए। कई ऐसे वीडियो वायरल हुए जिसमें पुलिस छात्रों को पकड़ पकड़कर उन्हें डंडे मार रही है। इसी आक्रोश के चलते बिहार के गया में हालात बिगड़ गए और प्रदर्शनकारियों की ओर से पैसेंजर ट्रेन में भी आग लगा दी गई। इसके बाद हालात बेकाबू हो गए। पुलिस ने इस मामले में 8 छात्रों समेत 6 टीचर्स पर भी केस दर्ज किया गया है। रेल मंत्रालय की ओर से ये कहा गया कि रिज़ल्ट को लेकर हंगामा करने वाले छात्रों की पहचान वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए की जाएगी और उन्हें कभी भी रेलवे में नौकरी नहीं दी जाएगी।

छात्रों का ये प्रदर्शन सिर्फ बिहार में ही नहीं चल रहा बल्कि उत्तर प्रदेश के भी परीक्षा में की गई धांधली के खिलाफ चल रहा है। आरआरबी एनटीपीसी (RRB-NTPC) परीक्षा यानी ‘रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी’ परेक्षा। रेलवे में भर्ती से जुड़ी परीक्षा का आयोजन कराने की जिम्मेदारी ‘21 रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड्स (RRB)’ की है। इस परीक्षा में अलग-अलग पे-ग्रेड पर, तकरीबन 35 हज़ार नौकरियों के लिए भर्ती निकली थी।  दरअसल रेलवे भर्ती बोर्ड ने आरआरबी एनटीपीसी (RRB-NTPC) परीक्षा का पहले चरण का रिजल्ट 14 जनवरी को निकाला था। छात्र इस रिजल्ट की तैयार करने की प्रक्रिया से तरीके से काफी नाराज़ हैं।

कब निकली थी भर्ती?

2019 में लोकसभा चुनावों के वक्त रेलवे की ओर से CBT-1 (NTPC) की परीक्षा के लिए नोटिफ़िकेशन जारी किया था। NTPC के लिए रेलवे ने 35,281 वैकेंसी निकाली थी। ये भी कहा गया था कि इसका 20 गुना यानी 7,05,620 अभ्यर्थियों का रिजल्ट आएगा लेकिन रेलवे ने आधे से भी कम 3,80,000 को ही इसमें क्वालिफाई किया है। जबकि रिजल्ट 20 गुना आना था। जबकि रिजल्ट में एक ही छात्र कई परीक्षाओं की भर्ती के लिए योग्य है यानी  एनटीपीसी की परीक्षा में ग्रेजुएशन और इंटर दोनों की परीक्षा एक साथ थी। एक ही कैंडीडेट का कई जगह सेलेक्शन हो गया ऐसे में कई सीटें खाली रह गई। छात्रों में गुस्सा इस बात के लिए भी है कि एक ही छात्र 3 से 4 पदों के लिए सेलेक्शन हुआ लेकिन वो छात्र केवल एक जगह ही ज्वाइन कर सकता है। एक छात्र केवल एक ही पद पर काम कर सकता है। मान लीजिए एक छात्र ने तीन परीक्षा दी और वो तीनों परीक्षाओं में पास हो गया लेकिन सेलेक्शन तो किसी एक ही पद पर करना होगा। उसके बाद भी दो पद खाली रह जाएंगे। जबकि दो पद अगर खाली रह जाएं तो दूसरी कटऑफ में किसी दो अलग अलग अभ्यर्थियों का चयन उसमें हो सकता है। छात्रों की मांग है एक छात्र एक रिजल्ट।

दूसरा, ग्रुप डी के लिए पहले सिर्फ एक ही परीक्षा होती थी। इस परीक्षा के लिए डेढ़ करोड़ अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। एक परीक्षा पास करने के बाद ही सेलेक्शन होना था लेकिन रिजल्ट के बाद रेलवे की ओर से ये कहा गया कि एनटीपीसी और ग्रुप डी की परीक्षा पास करने के बाद एक ओर परीक्षा देनी होगी। इससे छात्रों की मुश्किलें ओर बढ़ गई हैं, जिसके बाद रेलवे ने दूसरे चरण की परीक्षा टाल दी है।

इस मसले पर रेल मंत्री को खुद प्रेस कॉंफ्रेंस करके कहा कि छात्रों से अपील है कि छात्र 16 फ़रवरी तक अपनी शिकायतें समिति अध्यक्ष को दें और रेलवे की समिति शिकायतों की जाँच करेगी और 4 मार्च को इस मामले पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

सुशील मोदी लगातार इस मसले पर ट्वीट कर रहे हैं उन्हें 27 जनवरी को एक वीडियो के जरीए छात्रों को ये आश्वासन दिया कि फैसला छात्रों के पक्ष में आएगा। और ये भी कहा कि रेल मंत्रालय छात्रों की दोनों मांगों के लिए सहमत है।

 

क्यों हुआ खान सर पर केस दर्ज?

24 जनवरी को जब राजेंद्रनगर ट्रैक को छात्रों ने जाम कर दिया तो उनमें से 4 छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। अभ्यर्थियों से पूछताछ की गई तो उन्होंने कई टीचर्स के नाम लिए जिनमें खान सर, एसके झा सर, नवीन सर, अमरनाथ सर, गगन प्रताप सर और गोपाल वर्मा सर पर आरोप लगा है कि इनके मार्गदर्शन में ये प्रदर्शन हुआ है। इसलिए खान सर समेत सभी टीचर्स पर एफआइआर दर्ज कर दी गई। हालांकि पुलिस खान सर को गिरफ्तार नहीं कर पाई क्योंकि खान सर के लाखों फॉलोअर्स हैं। खान सर ने छात्रों से अपिल भी की थी कि वो किसी भी तरह का प्रदर्शन न करें। उसके बाद भी 28 जनवरी को बिहार बंद का अह्वान किया छात्रों की ओर से किया गया।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

कोमल कश्यप
कोमल स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं।

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