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राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर कसा तंज, कहा नफरत को छोड़िए सोशल मीडिया को नहीं

तस्वीर - गूगल साभार

सोशल मीडिया को शुरूआत से ही अभिव्यक्ति की आजादी का सबसे अहम अंग माना जाता रहा है। सोशल मीडिया पर लोग अपनी दबी हुई आवाजों को लिखते हैं। लोकतंत्र को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के साथ ही बड़े बड़े आंदोलनों में सोशल मीडिया की मुख्य भूमिका रही है। लेकिन 2 फरवरी को प्रधानमंत्री एक ट्वीट करते हैं उन्होंने लिखा है कि ‘इस रविवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब को छोड़ने की सोच रहा हूं। आप सभी को आगे जानकारी दूंगा।

बता दें कि ट्विटर पर पीएम मोदी दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले नेता हैं। ट्विटर पर पीएम मोदी के 53.3 मिलियन फॉलोअर्स हैं। वहीं फेसबुक पर चार करोड़ 47 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। इसके अलावा इंस्टग्राम पर उनके 35.2 मिलियन फॉलोअर्स हैं। यू-ट्यूब पर पीएम मोदी के 4.5 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं।

सोशल मीडिया पर लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया दें रहे हैं। राहुल गांधी ने बोला कि सोशल मीडिया नहीं नफरत छोड़िए।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा, ”क्या आप अपने ट्रोल आर्मी को ये सलाह देंगे जो आपके नाम पर हर पल दूसरों को धमकाने का काम करते हैं।”

समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी ट्वीट कर तंज कसते हुए सोशल मीडिया के साथ-साथ पीएम मोदी (PM Modi) को कुछ और चीजें भी छोड़ने की सलाह दे दी। उन्होंने कहा कि सामाजिक संवाद के रास्ते बंद करने की सोचना अच्छी नहीं है बात… छोड़ने के लिए और भी बहुत कुछ सार्थक है साहब… जैसे सत्ता का मोह-लगाव, विद्वेष की राजनीति का ख़्याल, मन-मर्ज़ी की बात, चुनिंदा मीडिया से करवाना मनचाहे सवाल और विश्व विहार… कृपया इन विचारणीय बिंदुओं पर भी करें विचार!

 

ज्योत्सना चरण दास महंत ने लिखा है कि ये सब छोड़ के कही टिकटोक पर तो नहीं जा रहे वों, क्योंकि वो अभिनय के बेताज बादशाह हैं!

प्रोफेसर राकेश सिन्हा ने मोदी को जवाब में लिखा कि जो शीशे के घर में रहते हैं वे दूसरो पर पत्थर नहीं फेकते! 1948 में गांधी हत्या के बाद सैकड़ों निर्दोष लोगो का घर दुकान जलाना , अनप्र घातक हमला , 1984 में हजारों लोगों का कतलेआम यह सब राहुल गांधी क्या सद्भावना प्रेम और अहिंसा का प्रकटीकरण आपके परिवार ने किया था ?

आज सोशल मीडिया का जमकर दुरुपयोग हो रहा है। फोटोशोप की दुनिया में कभी भी किसी का भी फोटो और वीडियो आधी अधूरी जानकारी के साथ वायरल हो जाता है। जिसका खामियाज़ा भी भुगतना पड़ा है। देशभर में बीतें 3 महीनों से एनआरसी और सीएए का विरोध हो रहा है लेकिन प्रधानमंत्री की अब तक उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है और ये रूख जनता के प्रति पूरी तरह से तानाशाही रवैये जैसा है।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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