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राम नवमी के मौके पर जेएनयू के अलावा पूरे देश के अलग अलग हिस्सों में भड़की हिंसा

10 अप्रैल रविवार को देश भर में राम नवमी के मौके पर देश अलग अलग हिस्सों से हिंसा,आगजनी की खबरें और तस्वीरें सामने आई। गुजरात, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, झारखंड और मध्यप्रदेश जैसे सभी राज्यों से ऐसी हिंसा की खबरे देखने को मिली।

झारखंड में रामनवमी जुलूस पर पथराव किया गया जिसके बाद लोहरदगा जिले में दंगाईयों ने वहां कई गाड़ियों में आग लगा दी। इस आगजनी में कई लोग घायल हो गए। इनमें से एक व्यक्ति की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। लोहरदगा के कई इलाक़ों में इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है।

लगभग कुछ ऐसी ही घटना गुजरात के आणंद और बनासकांठा में भी देखने को मिली। सांबरकांठा के हिम्मत नगर में पत्थरबाज़ी के बाद वहां गाड़ियों में आग लगा दी गई।

पश्चिम बंगाल के हावड़ा में भी राम नवमी जुलूस के दौरान उन पर पथराव किया गया जिसके बाद वहां कई लोग गम्भीर रूप से चोटिल हो गए। बांकुड़ा में बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार की कार पर भी हमला किया गया।

 

मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में भी ऐसी ही हिंसक घटना सामने आई खरगोन में रामनवमी पर निकाले गए जुलूस के दौरान लोगों पर पथराव किया गया, इस के बाद भड़की हिंसा के बाद वहां कर्फ्यू लगा दिया। इस हिसंक घटना में कई लोग और पुलिस के कर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। जिला प्रशासन ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाने के साथ ही पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी है।

कई इलाकों में दंगाई मस्जिदों की दीवारों पर भगवा झंडे लगाते दिखाई दे रहे हैं तो कहीं मस्जिदों में आग लगाने के वीडियो भी देखे जा सकते हैं।

वही दूसरी ओर देश के सबसे प्रतिष्ठित और विवादित विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय – जेनयू में भी 10 अप्रैल को छात्र संगठनों एबीवीपी और आइसा के बीच हिंसक झड़प का मामला सामने आया।

रामनवमी के मौके पर जेएनयू में एबीवीपी और आइसा के छात्रों के बीच झगड़ा हुआ एबीवीपी एक हिन्दू वादी छात्र संगठन और आइसा वामपंथी छात्र संगठन ने एक दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाए हैं।

दरअसल ये झगड़ा छात्र संगठनों के बीच यूनिवर्सिटी मेस में मांसाहारी खाने को लेकर हुआ है। आइसा के आरोपों के मुताबिक एबीवीपी के कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी के कावेरी हॉस्टल की मेस में मांसाहारी भोजन का विरोध कर रहे थे।

दूसरी ओर एबीवीपी ने आइसा पर आरोप लगाते हुए कहा कि छात्र रामनवमी की पूजा कर रहे थे जिस पर वामपंथी छात्रों ने हमला किया। इस झड़प के बाद पुलिस भी वहां पहुंच गई। दिल्ली पुलिस ने बताया कि वह शिकायतों के आधार पर ही जरूरी कार्यवाही करेगी। इस मामले में जेएनयू छात्रसंघ, एसएफ़आई, डीएसएफ़ और आइसा के छात्रों के समूह ने 11 अप्रैल एबीवीपी के अज्ञात छात्रों के ख़िलाफ़ शिकायत दी है। शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 321,341, 509, 506 और 34 के तहत एफ़आईआर दर्ज की है।

इस घटना के बारे में ट्वीटर पर वीडियो पोस्ट करते हुए जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने दावा किया कि एबीवीपी के छात्रों ने जेएनयू में रहने वाले छात्रों को मांसाहारी भोजन करने से रोकने की कोशिश की। उन्होंने दावा किया है कि एबीवीपी ने हॉस्टल के मेस सेक्रेट्री पर भी हमला किया है।

 

आइशी घोष ने सवाल किया, “एबीवीपी के गुंडे हमें ये बताने वाले कौन हैं कि हम क्या खाएंगे और क्या नहीं खाएंगे?”इसके साथ ही ट्वीटर पर पूछा कि  “जेएनयू के प्रशासन ने छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी इंतज़ाम क्यों नहीं किए”।

 

वही आइसा की कार्यकर्ता और छात्रा दोलन ने एक वीडियो जारी करते हुए बताया कि लगातार एबीवीपी कावेरी हॉस्टल में मांसाहारी खाने को लेकर विवाद करने की कोशिश कर रहा है, हम लोगों को sos मेसेज आने शुरु हुए तो हम साबरमती हॉस्टल से कावेरी आए।

जब हम कावेरी हॉस्टल पहुचें तो हमने देखा कि एबीवीपी के गुंडे खड़े हुए थे और लगातर धमकी दे रहे थे।

हम लोग आगे पहुंचे तो वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने एक चैन बनाया हुआ था। सुरक्षाकर्मियों के रहने के बावजूद एबीवीपी के लड़कों ने लगातार हम लोगों को धक्का देना शुरू किया, लड़कों ने खास तौर पर लड़कियों को निशाना बनाकर उनके पैरों पर लाते मारी।

विक्रम नाम के एक लड़के ने मेरा हाथ खिंचा और मरोड़ा और उसने मुझे मोलेस्ट किया। महिलाओं को थप्पड़ मारा सुरक्षाकर्मियों के होने के बावजूद हॉस्टल की संपत्ति को तोड़कर स्टूडेंट्स को मारा। एक स्टूडेंट्स के ऊपर पत्थर मार कर उसका सर फोड़ दिया। मेरे हाथ पर ट्यूब लाइट मारे। हमारे प्रेसिडेंट आदर्श को उन्होंने मारा।

उसके बाद हमें हॉस्टल के अंदर कैद करके हॉस्टल के बाहर से पत्थर मारे। ये सब दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में हुआ।

 

बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में मधुरिमा बताती है कि रविवार के दिन हॉस्टल में छात्रों को मांसाहारी खाना मिलता है और छात्र ये तय कर सकते हैं कि उन्हें क्या खाना है और क्या नहीं। वह आगे कहती हैं कि  “एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने हॉस्टल में मीट सप्लाई को रोक दिया और वहां के मेस सचिव से मारपीट की। ” मधुरिमा के मुताबिक, “पहले एबीवीपी और छात्रों के बीच दोपहर में मारपीट हुई और फिर वो शाम को आठ बजे के क़रीब दोबारा आए और छात्रों को बुरी तरह मारा पीटा।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

सुमित
सुमित वीडियो जर्नलिस्ट के साथ -साथ समसामयिक मुद्दों पर लेखन भी करते हैं।

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