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राजस्थान से दिल्ली पहुंचे किसान, सरकार आंदोलन खत्म करने की कर रही है कोशिश?

किसानों को आंदोलन करते हुए 18 दिन हो चुके हैं और किसान अभी भी इस कड़ाके की ठंड में दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। पिछले 17 दिन में 11 किसानों की मौत हो चुकी है पर सरकार अपनी बात पर अड़ी हुई है। पहले सिर्फ पंजाब हरियाणा के किसान इसमें शामिल हुए लेकिन अब देश के हर हिस्से से किसान इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। राजस्थान के किसान भी दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। जयपुर से दिल्ली की ओर आने वाला रास्ते को पुलिस ने दोनों तरफ से बंद कर दिया है। किसानों का कहना है कि सरकार जब तक ये कानून वापस नहीं ले लेती है तब तक किसान सड़कों पर बैठे रहेंगे।

दूसरी तरफ भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर किसानों को वामपंथी और कांग्रेसी बता रही हैं उनका कहना है कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में किसानों के भेष में वामपंथी और कांग्रेसी छिपे हुए हैं। ये देश विरोधी ताकतें किसानों के बीच भ्रम फैला रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह शाहीनबाग में जेएनयू के लोग, कुछ वामपंथी शामिल थे, वही चेहरे अब फिर सामने आने लगे हैं। ऐसे लोग राष्ट्र को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें जेल में डाल देना ही बेहतर है।

प्रज्ञा सिंह ठाकुर इतने पर ही नहीं रुकीं उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून उन लोगों के लिए होना चहिए जो देश में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां करते हैं, जिन्हें देश विरोधी कार्यों के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। मगर जो राष्ट्र धर्म के लिए जाते हैं, उन पर यह कानून लागू नहीं होना चाहिए। उन पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए। वो कहना चाह रही हैं कि जो लोग संघ की विचारधारा वाले हैं, बीजेपी का परचम लहराते हैं। उन पर इस तरह का कोई कानून लागू न हो पर जो लोग सरकार की नीतियों का विरोध करते हैं, आवाज उठाते हैं। उनके लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून बने।

लेकिन विपक्ष के कई दल किसान आंदोलन के समर्थन में हैं। 11 किसानों की मौत पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि कृषि क़ानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितनी आहुति देनी होगी? इसके साथ राहुल गांधी ने एक अखबार का आर्टिकल भी शेयर किया है। जिसमें 17 दिनों में 11 किसानों की मौत का जिक्र है।

दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर लिखा है कि पिछले 17 दिनों में 11 किसान भाईयों की शहादत के बावजूद निरंकुश मोदी सरकार का दिल नहीं पसीज रहा. वह अब भी अन्नदाताओं नहीं, अपने धनदाताओं के साथ क्यों खड़ी है? देश जानना चाहता है-राजधर्म बड़ा है या राजहठ ?

कई लोग भी इस पर ट्वीट कर रहे हैं यूथ आरजेडी से अरुण कुमार यादव ने ट्वीट कर लिखा कि कड़ाके की ठंड में पिछले 17 दिनों से किसान आंदोलनरत हैं। आंदोलन के दौरान अबतक 11 अन्नदाताओं की मौत हो चुकी है। मोदी सरकार अपनी अहंकार और हठधर्मिता को छोड़कर किसानों की मांगों को अविलंब पूरा कर आंदोलन को समाप्त कराएं।

एक और शख्स ने लिखा कि 11 किसानों की मौत हो चुकी हैं। किसान आंदोलन में इसे मौत माना जाये या हत्या? पूछता हैं हर रोटी खाने वाला इंसान

आपको बता दें कि आज राजस्थान के हजारों किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। किसान नेता कमलप्रीत सिंह ने कहा कि रविवार को राजस्थान के हजारों किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। इस दौरान वे दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे आंदोलन खत्म करने के लिए कई हथकंडे अपनाए, लेकिन हमने सब फेल कर दिया।’

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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