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बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद प्रवासी मजदूरों को लेकर चर्चा में क्यों हैं?

तस्वीर-गूगल साभार

देश में लॉकडाउन के 60 दिन हो चुके हैं। किसी को शायद ही पता रहा होगा कि कोरोना की जगह यह लॉकडाउन ही प्रवासी मजदूरों के लिए आफत ले आएगा। जब मजदूरों की त्रासदी मीडिया से निकल कर बाहर आने लगी तो सरकार तक पर दबाव पड़ने लगा कि लॉकडाउन के साथ-साथ इन मजदूरों को सही सलामत घर भी भेज सके। यातायात का कोई साधन नहीं तो ये मजदूर पैदल ही निकल पड़े। बिना दूरियों की परवाह किये, बिना सरकारी फरमान और प्रशासनिक आदेश की परवाह किये जान जोखिम में डालकर लोग रेलवे की पटरी से लेकर नदियों तक को पार करते हुए देखे गए। ऐसे में परिवार के साथ पैदल बिना खाये पीये ये मजदूर चलते रहे और अब जब सरकार ने इन्हें भेजने के लिए बस औऱ रेल की व्यवस्था की तो काफी देर हो चुकी थी। और अब भी मजदूरों की त्रासदी की वही तस्वीरें सामने आ रही हैं क्योंकि सरकारी व्यवस्थाएं ही काफी नहीं रहीं और इसमें भी तमाम अव्यवस्थाएं नजर आने लगी हैं। ऐसे में इन मजदूरों की मदद के लिए तमाम लोग निजी स्तर पर कई तरह से मदद करते देखे जा रहे हैं। कोई खाना बांट रहा है। कोई राशन बांट रहा है। कोई इन्हें घर पहुंचाने के लिए बसें चला रहा है। कोई इन्हें शरण दे रहा है तो कोई इनके हर सुख-दुख में सहभागी बन रहा है।

इसी में से एक हैं फ़िल्म जगत के जाने माने बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद। तमिल, कन्नड़, हिंदी, तेलगू भाषाओं में फ़िल्म बना चुकें हैं। सोशल मीडिया पर खास चर्चा में बने हुए हैं। इस वक़्त लॉकडाउन में फंसे हज़ारों प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे हैं। उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए खाने पीने के सामान से लेकर घर भेजने के लिए बसों का इंतेज़ाम कर रहे हैं। सोनू सूद के इस कदम की वजह से हर ओर उनकी तारीफ़ें हो रही हैं लोग उन्हें प्रवासी मजदूरों के लिए भगवान बता रहे हैं। ट्विटर पर #SonuSood सबसे ऊपर ट्रेंड कर रहा है।

46 वर्षीय सोनू ने ‘घर भेजो’ इनीशिएटिव की शुरुआत अपनी एक दोस्त नीति गोयल के साथ मिलकर की थी। यूपी सरकार से खास अनुमति लेकर 11 मई से अब तक 21 बसों से 750 से अधिक मजदूरों को कर्नाटक और उत्तर प्रदेश भेज चुके हैं। 10 और बसें बिहार और यूपी के लिए रवाना हो चुकी हैं वहीं पश्चिम बंगाल, झारखंड और असम सरकारों से अनुमति मिलने का इंतजार है। अगले 10 दिनों में 100 से ज्यादा बसें मुंबई से रवाना होंगी। इससे पहले उन्होंने पंजाब के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 1,500 पीपीई किट भी दान किया था। इतना ही नहीं उन्होंने मुंबई का अपना होटल स्वास्थ्यकर्मियों को रहने के लिए भी दिया है।

सोनू सूद रमज़ान के महीने में भिवंडी इलाके में हज़ारों मज़दूरों को खाना भी खिला रहे हैं। उनकी एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो नारियल फोड़कर मज़दूरों को बस से विदा करते नज़र आ रहे हैं।

ट्विटर और सोशल मीडिया के अन्य स्थानों पर लोग उनकी तारीफ़ में जुटे हुए हैं। मीम्स और तस्वीरें खूब शेयर कर रहे हैं। लोग ट्वीटर पर सोनू सूद से मदद की गुहार लगा रहे हैं, सोनू सूद तुरन्त उन्हें जवाब भी दे रहे हैं।

एक व्यक्ति ने लिखा कि सर ईस्ट यूपी में कही भी छोड़ दो वहां से पैदल गांव चले जाएंगे सोनू सूद ने जवाब में लिखा पैदल क्यों जाओगे दोस्त, डिटेल्स भेजो।

 

लोग सोनू की तुलना गृह मंत्री अमित शाह से कर रहे हैं। कई लोग तो सरकार की इस वजह से खूब आलोचना कर रहे हैं कि जो काम सरकार नहीं कर पा रही वो सोनू कर रहे हैं।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

कोमल कश्यप
कोमल स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं।

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