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ओबीसी की दूसरी क़िस्त के पदों पर सर्कुलर जारी, दशक बाद यूजीसी ने ओबीसी पदों के भरने के दिए निर्देश

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दिल्ली विश्वविद्यालय/कॉलेजों के प्राचार्यों को एक पत्र भेजकर ओबीसी एक्सपेंशन के सेकेंड ट्रेंच (दूसरी क़िस्त) की बकाया शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति करने के आदेश दिए हैं। ओबीसी कोटे की शिक्षण पदों की दूसरी क़िस्त जारी किए जाने पर “दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी, एसटी, ओबीसी टीचर्स फोरम” ने केंद्र सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है और कहा कि सरकार जल्द से जल्द इन पदों को भरवाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाये।

टीचर्स फोरम के अध्यक्ष प्रो. केपी सिंह यादव ने यूजीसी द्वारा ओबीसी कोटे की बकाया दूसरी क़िस्त के अंतर्गत शिक्षण पदों को दिए जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण शिक्षक नियुक्तियों में वर्ष 2007 में दिया गया था। शिक्षण पदों को आनुपातिक रूप से बढ़ाने के लिए कांग्रेस सरकार ने पहली किस्त जारी की थी। उन्होंने बताया है कि पहली किस्त में दिए गए शिक्षकों के पदों पर दिल्ली विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों ने अपने यहां स्थायी नियुक्ति 10 फीसदी भी नहीं की। जबकि सरकार द्वारा कॉलेजों को दी गई अनुदान राशि से उन्होंने कॉलेज का विस्तार कर लिया। कॉलेजों ने दो बार विज्ञापन तो निकाले, लेकिन ओबीसी कोटे के पदों को नहीं भरा।

प्रो. यादव ने कहना है कि दूसरी क़िस्त के अंतर्गत दिए गए शिक्षकों के पदों को स्थायी नियुक्ति के स्थान पर गेस्ट टीचर्स में तब्दील ना हो जाए। उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि 28 अगस्त को डीयू द्वारा कॉलेजों को भेजे गए पत्र में एडहॉक टीचर्स के स्थान पर गेस्ट टीचर्स लगाने की बात कहीं गई है। साथ ही उन्होंने बिना देरी किए इसी शैक्षिक सत्र में ओबीसी कोटे के शिक्षकों के पदों के विज्ञापन निकालकर भरने की बात कही है।

फोरम के चेयरमैन और पूर्व विद्वत परिषद सदस्य प्रो. हंसराज ‘सुमन’ ने यूजीसी द्वारा ओबीसी एक्सपेंशन के सेकेंड ट्रेंच में शिक्षकों के बकाया पद दिए जाने पर वर्तमान सरकार को टीचर्स फोरम की ओर से बधाई दी है। साथ ही उन्होंने यह भी चिंता जताई कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के साढ़े पांच साल बाद ओबीसी कोटे की बकाया दूसरी क़िस्त जारी की है। उन्होंने बताया है कि यह तभी संभव हुआ है जब आर्थिक रूप से सामान्य वर्गों के लोगों (ईडब्ल्यूएस आरक्षण) के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया।

प्रो. सुमन का कहना है कि दूसरी क़िस्त के अंतर्गत दिए गए ओबीसी कोटे के शिक्षकों के पद पूरी तरह से स्थायी नियुक्ति होने तक इन्हें एडहॉक नियुक्तियों के माध्यम से भरा जाना चाहिए। यदि इन पदों को गेस्ट टीचर्स द्वारा भरे जाते हैं तो कॉलेज/संस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

ओबीसी कोटे से सेकेंड ट्रेंच (दूसरी क़िस्त) शिक्षकों की इन कॉलेजों में इतने सीटों का इजाफा

जाकिर हुसैन कॉलेज -42

दयाल सिंह कॉलेज-41

देशबंधु कॉलेज-40

रामजस कॉलेज-39

स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज-39

लक्ष्मीबाई कॉलेज-39

गार्गी कॉलेज-38

आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज-35

शिवाजी कॉलेज-34

श्यामा प्रसाद मुखर्जी-34

पीजीडीएवी-33

हंसराज कॉलेज-32

वेंकटेश्वर कॉलेज-32

मोतीलाल नेहरू कॉलेज-31

कालिंदी कॉलेज-31

मिरांडा हाउस कॉलेज-31

मैत्रेयी कॉलेज-30

सत्यवती कॉलेज-30

श्री अरबिंदो कॉलेज-28

श्यामलाल कॉलेज-28

राजधानी कॉलेज-28

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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