सहायता करे
SUBSCRIBE
FOLLOW US [cn-social-icon margin="10" alignment="center" selected_icons="1,2,4,5"]
[Sassy_Social_Share total_shares="ON"]

सोने के सिक्के

रोहन ओर प्रीतो की अच्छी दोस्ती थी, दोनों हमेशा एक दूसरे का साथ देते थे हर परिस्थिति में, जल्द ही ये दोस्ती प्यार में भी बदल गयी। दोनों में किसी को भी किसी चीज की जरूरत होती अगला हमेशा मदद के लिए तैयार रहता। एक बार रोहन को कुछ पैसों की तुरंत जरूरत थी, प्रीतो के पास भी पैसे नही थे, लेकिन प्रीतो ने अपने गुल्लक में कुछ नए पीतल के पांच-पांच के सिक्के इकट्ठा कर रखे थे। उसने अपनी गुल्लक तोड़ वो सिक्के रोहन को दे दिए, पर रोहन ने वो पैसे खर्च नही किये उन्हें संभाल कर रख लिया। वक़्त बदला रोहन  पढ़ाई  फिर नौकरी के लिए शहर बदलता रहा, लेकिन उन सिक्कों को वो हमेशा अपने पास ही रखता, जहाँ भी जाता वो सिक्के उसके बैग में रहते। एक बार यात्रा के दौरान एक सेक्युरिटी चेक के दौरान, चेकिंग गार्ड ने कहा आपके बैग में क्या है? रोहन ने अपने सामान गिना दिए जो उसने रखे थे। गार्ड बोलने लगा तुम्हारे पास सोना है, रोहन चौक गया क्योंकि उसने ऐसा कुछ रखा ही नही था, वो जल्दी जल्दी चाभी खोजने लगा, लेकिन चाभी मिल नही रहा था, उसने चाभी खोज बैग खोला तो देखा ये वही पीतल के सिक्के थे जो प्रीतो ने दिए थे, गार्ड मुस्कुरा दिया शायद वो रोहन के भावनाओ को समझ गया था और रोहन सोचने लगा सच मे ये सोने के ही तो सिक्के थी, बल्कि इसकी कीमत सोने के सिक्कों से कही ज्यादा अधिक थीं।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

पूजा वर्मा
कविताएं लिखने का शौक है, कई काव्य संग्रह किताबें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। समसामयिक विषयों पर लेख भी लिखती हैं।

Be the first to comment on "सोने के सिक्के"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*