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लिबरल आर्ट ऑफ एजुकेशन , स्नातक की व्यवस्था में करेगी सुधार : प्रो एमके श्रीधर

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने एपीजे अब्दुल कलाम स्टडी सर्कल के सहयोग से गुरुवार को दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में प्रस्तावित नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति संबंधी विभिन्न बिंदुओं पर विचार करने हेतु संवाद कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आंबेकर तथा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति समिति के सदस्य प्रो. एमके श्रीधर ने दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू व जामिया के प्राध्यापकों, शोधार्थियों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न बिंदुओं पर अपने विचार रखे।

ध्यातव्य हो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रस्ताव पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद राष्ट्र के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में संवाद, परिचर्चा आदि के माध्यम से जागरूकता का प्रसार कर रहा है।

नई शिक्षा नीति समिति के सदस्य प्रो एमके श्रीधर ने कहा कि,”नीति तथा उसका लागू होना दोनों अलग अलग विषय हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि यह नीति उसी प्रकार लागू होगी जैसी बनाई गई है। यह नीति संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था को 360° तक बदल देगी। शिक्षा के पहले 15 वर्ष शिक्षा का बहुत ही अहम हिस्सा है। उसका भी ध्यान इसमें रखा गया है। 11 वर्ष की उम्र तक सीखने की प्रक्रिया में कमी देखने में आ रही थी। उसको भी इस के माध्यम से ठीक करने का काम किया जा रहा है। करिकुलम, सो कॉल्ड करिकुलम एवं एक्स्ट्रा करिकुलम इन सबमें अंतर समाप्त करने का कार्य भी हम इस नीति के माध्यम से कर रहे है। 4 वर्ष की माध्यमिक शिक्षा में भी बदलाव होना आवश्यक है। किसी भी प्रशासनिक व्यवस्था के पास एक से अधिक दायित्व नहीं रहेगा। सब मात्र एक ही दायित्व का निर्वहन करेगें ताकि एक सफल शैक्षिक प्रकिया का संचालन हो सके। लिबरल आर्ट ऑफ एजुकेशन इस व्यवस्था को भी इस नीति में लागू किया गया ताकि शिक्षा का स्तर और बेहतर हो सके। डिग्री ग्रांटिंग ऑटोनोमस महाविद्यालयों की व्यवस्था भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में रहेगी।”

अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आंबेकर ने कहा कि , ” अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, नई शिक्षा नीति का स्वागत करती है तथा देशभर के शिक्षाविदों , प्राध्यापकों , शोधार्थियों से आग्रह करती है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दें, जिससे एक प्रासंगिक एवं विद्यार्थी का सम्पूर्ण विकास करने में सक्षम शिक्षा नीति लागू हो सके तथा भारतीय शिक्षा प्रणाली का कायाकल्प संभव हो पाए।”

इस संवाद कार्यक्रम में अभाविप के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्रीनिवास , दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष शक्ति सिंह, एपीजे अब्दुल कलाम स्टडी सर्कल के संयोजक अभिषेक वर्मा आदि उपस्थित रहे।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

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