कोरोना संक्रमण के कहर के चलते पूरे देश में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं। उन्हें अपने गांव जाना है। लॉकडाउन 3.0 4 मई से शुरू हो चुका है। और सरकार ने मजदूरों को घर तक जाने का रास्ता साफ कर दिया है। इन मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है। हालांकि इन ट्रेनों में सफर करने वाले लोगों से किराया वसूल भी किया जाएगा, जिसका भुगतान राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार होना था। किराया वसूलने को लेकर ही विपक्ष सवाल उठा रहा है, जिस तरह से लॉकडाउन के बीच में हाल ही में छात्रों, मजदूरों की भीड़ दिल्ली बॉर्डर की सड़कों पर उमड़ने के बाद यूपी सरकार ने बस से उन्हें वापस लाने का निर्णय लिया था। इसके लिए बस से घर पहुंचाने के एवज में किराया भी वसूला गया था। इसके बाद किराया वसूलने को लेकर विपक्ष से लेकर आम आदमी तक ने सोशल मीडिया पर गहरी आलोचना की थी।
इसी बीच सोनिया गांधी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी। सोनिया गांधी के इस बयान के बाद सरकार को सफाई देनी पड़ रही है।
रेलवे के सर्कुलर में क्या कहा गया? और क्यों विपक्ष साधने लगा निशाना
सर्कुलर के अनुसार , ‘स्थानीय सरकारी अधिकारी अपने द्वारा क्लियर किए गए यात्रियों को टिकट सौंपेंगे और टिकट का किराया वसूल करेंगे और कुल राशि रेलवे को सौंप देंगे।’
राज्यों पर टिकट जारी करने और किराया वसूल कर जमा करने जिम्मेदारी के कारण, विपक्ष द्वारा शासित ज्यादातर राज्यों को सियासी नुकसान होने की आशंका है। गैर-भाजपा शासित राज्य मांग कर रहे हैं कि केंद्र इन प्रवासी श्रमिकों की यात्रा का खर्च वहन करे।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इससे पहले ट्वीट कर कहा कि यह “बेहद शर्मनाक” है कि भाजपा सरकार ट्रेन की सवारी के लिए कमजोर मजदूरों को चार्ज कर रही थी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इसी तरह की बात कही थी। सोरेन ने कहा था, ‘हमें प्रवासी मजदूरों से टिकटों के पैसे देने को नहीं कहना चाहिए. वे हर तरह से व्यथित हैं। यदि केंद्र नहीं करता है, तो झारखंड सरकार इस भुगतान को करने के तरीके ढूंढेगी लेकिन हम निश्चित रूप से प्रवासियों को पैसे देने को नहीं कहेंगे।”
आइये जानते हैं कि कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रवासी मज़दूरों को घर जाने को लेकर रेलवे की ओर से किराया वसूलने की कड़ी आलोचना की है। सोनिया गांधी की ओर जारी किए गए बयान में कहा गया है कि प्रदेश कांग्रेस कमिटी की हर इकाई सभी ज़रूरतमंद मज़दूरों की घर वापसी के लिए रेल टिकट का खर्च देगी।
कांग्रेस अध्यक्षा, श्रीमती सोनिया गांधी का बयान
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी। pic.twitter.com/DWo3VZtns0
— Congress (@INCIndia) May 4, 2020
सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है, ”मज़दूर राष्ट्रनिर्माण के दूत हैं। हम विदेशों में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझकर मुफ़्त में वापस ला सकते हैं, गुजरात में केवल एक कार्यक्रम में सरकारी ख़ज़ाने से 100 करोड़ रुपए खर्च कर सकते हैं, रेल मंत्रालय कोरोना फंड में 151 करोड़ रुपए दे सकता है तो फिर इन मज़दूरों को मुफ़्त में घर क्यों नहीं पहुंचाया जा सकता है?”
राहुल ने ट्वीट कर पूछा सवाल
प्रवासी मज़दूरों से रेलवे की ओर से किराया वसूलने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर पूछा है, ”एक तरफ़ रेलवे दूसरे राज्यों में फँसे मज़दूरों से टिकट का भाड़ा वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपए का चंदा दे रहा है. ज़रा ये गुत्थी सुलझाइए!”
एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फँसे मजदूरों से टिकट का भाड़ा वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपए का चंदा दे रहा है।
जरा ये गुत्थी सुलझाइए! pic.twitter.com/qaN0k5NwpG
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 4, 2020
आरजेडी ने भी कहा हम खर्च वहन करेंगे
तेजस्वी यादव ने कई ट्वीट कर इससे पहले बिहार की नीतीश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल शुरुआती तौर पर बिहार सरकार को अपनी तरफ़ से 50 ट्रेन देने को तैयार है।
नशामुक्ति के हम शुरू से पक्षधर है लेकिन शराबबंदी के नाम पर नीतीश सरकार सालाना 6000 करोड़ का राजस्व घाटा सहने को तैयार है। विगत 4 वर्ष में 24000 करोड़ का घाटा हुआ है। जल जीवन हरियाली योजना का 24500 करोड़ का बजट है।
लेकिन ग़रीब मज़दूरों को वापस लाने का किराया और संसाधन नहीं है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 4, 2020
लगभग 40 लाख बिहारियों यानि उनके परिवार सहित लगभग 2 करोड़ लोगों के जीवन की बिहार सरकार को कोई परवाह नहीं।
सरकार नशामुक्ति (24000Cr का घाटा), जल-जीवन हरियाली (24500Cr)और विज्ञापन (500Cr)के नाम पर कुल 49000 करोड़ खर्च कर देगी।
लेकिन ग़रीबों का जीवन बचाने का मात्र 500₹ किराया नहीं
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 4, 2020
15 साल वाली ड़बल इंजन सरकार अप्रवासी बिहारी मज़दूरों को वापस नहीं लाने के बहाने खोज टाल-मटोल कर रही है।
5 दिनों में 3 ट्रेनों से लगभग 3500 लोग ही वापस आ पा रहे है।
कभी किराया, कभी संसाधनों तो कभी नियमों का रोना रोते है।नीतीश सरकार की मंशा क़तई मज़दूरों को वापस लाने की नहीं है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 4, 2020
राष्ट्रीय जनता दल शुरुआती तौर पर बिहार सरकार को अपनी तरफ़ से 50 ट्रेन देने को तैयार है।
हम मज़दूरों की तरफ़ से इन 50 रेलगाड़ियों का किराया असमर्थ बिहार सरकार को देंगे। सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करें, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफ़र करेगी।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 4, 2020
आदरणीय @NitishKumar जी, ग़रीब मज़दूरों की तरफ़ से 50 ट्रेनों का किराया राजद वहन करने के लिए एकदम तैयार है क्योंकि ड़बल इंजन सरकार सक्षम नहीं है।कृपया अब अविलंब प्रबन्ध करवाइए।@SushilModi जी- कुल जोड़ बता दिजीए, तुरंत चेक भिजवा दिया जाएगा। वैसे भी आपको खाता-बही देखने का शौक़ है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 4, 2020
सरकार को देनी पड़ रही सफाई-
सांबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा है कि
Rahul Gandhi ji,
I have attached guidelines of MHA which clearly states that “No tickets to be sold at any station”
Railways has subsidised 85% & State govt to pay 15%
The State govt can pay for the tickets(Madhya Pradesh’s BJP govt is paying)
Ask Cong state govts to follow suit https://t.co/Hc9pQzy8kQ pic.twitter.com/2RIAMyQyjs— Sambit Patra (@sambitswaraj) May 4, 2020
Some have posted tickets & asked clarification that if tickets are not sold then what’s this!
For each Shramik Express about 1200 tickets to the destination are handed by the Railways to State Govt.
State govts are supposed to clear the ticket price & hand over tickets to workers https://t.co/Axtmen5nY9 pic.twitter.com/kTUWThmeP3— Sambit Patra (@sambitswaraj) May 4, 2020
कोरोना संक्रमण और मौतों पर देश व पूरे विश्व के आंकड़ों पर एक नजर
देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 42533 कुल संक्रमण के मामले अब तक सामने आए हैं। 1373 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। जबकि इस संक्रमण से 11707 लोग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार पूरे विश्व में 185 देशों में अब तक 35 लाख 7 हजार 53 कोरोना संक्रमण के मामले सामने है। 2 लाख 47 हजार 475 लोगों की मौत हो चुकी है।
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