आज दिन भर सोशल मीडिया पर मोदी रोजगार दो ट्रेंड करता रहा। बीते 3-4 दिनों से ट्विटर पर हैशटैग #modi_rojgar_do के जरिए कई युवा रोजगार के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेर रहे हैं। हैशटैग पर बीते 2-3 दिनों में 25-30 लाख ट्वीट किए जा चुके हैं। इसके साथ ही एक और हैशटैग #CGL19marks भी ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। दरअसल पूरा विवाद स्टाफ सिलेक्शन कमिशन की कंबाइंड ग्रैजुएट लेवल (CGL) परीक्षा को लेकर है। 25 फरवरी को भी सुबह 11 बजे से ही हैशटैग मोदी रोजगार दो के साथ इतने सारे हैशटैग ट्वीट किये गये। हैशटैग CGL 2017 से लेकर CGL 2018, CGL 2019 result, timely exam, CHSL 2018 इन हैशटैग्स पर एक साथ 6 मीलियन ट्वीट्स किये गये। इससे पहले भी सितंबर 2020 में रेलवे परीक्षा और परीणामों को लेकर भी कुछ इसी तरह युवाओं ने ट्वीट किये थे और उस ट्विटर ट्रेंड कराने के बाद सरकार और एसएससी पर भारी दवाब बना और छात्रों को परीक्षा कराने को लेकर आश्वासन भी दिया था। तब भी युवाओं ने ताली थाली बजाकर मोदी सरकार तक अपनी बात पहुचाने की कोशिश की थी।
लेकिन अब विवाद एसएससी की CGL परीक्षा और उसके परीणाम को लेकर है। हजारों बच्चे दिन रात मेहनत करके परीक्षा में बैठते हैं। परीक्षा पास भी करते हैं और सोचते हैं चलो इतने सालों की मेहनत रंग लाई। लेकिन नहीं पहले आपको परीक्षा कराने के लिए आंदोेलन करना पड़ेगा, फिर उसके रिजल्ट के लिए आंदोलन करना पड़ेगा। उसके बाद भर्ती न होने पर फिर से आंदोलन करना पड़ेगा। मान लीजिए आपने एग्जाम क्लियर कर भी लिया लेकिन फिर भर्ती के लिए दो-दो साल तक इंतजार करना पड़ता है। तब तक कुछ की उम्र ही निकल जाती है। ऐसे में छात्र करें तो करें क्या?
आज दिन भर ट्विटर पर CGL एग्जाम, समय पर भर्ती और रिजल्ट को लेकर लगातार लोग ट्वीट करते रहे।
अभिनव पांडेय पेशे से पत्रकार है उन्होंने रोजगार के मुद्दे पर लिखा कि #modi_job_do के ट्रेंड के बीच एक दिलचस्प आंकड़ा जान लीजिए। 35 सालों में बेरोजगारी दर कभी 3% से ऊपर नहीं गई, मोदी सरकार में वो 6.1% को छू गई। वजह ये रही कि UPA-2 में हर साल औसतन 7.36 लाख नौकरी दी गई। मोदी सरकार के पहले 5 साल में औसतन हर साल 3.50 लाख नौकरियां। पूरे 53% कम
#modi_job_do के ट्रेंड के बीच एक दिलचस्प आंकड़ा जान लीजिए।
35 सालों में बेरोजगारी दर कभी 3% से ऊपर नहीं गई, मोदी सरकार में वो 6.1% को छू गई।वजह से रही कि UPA-2 में हर साल औसतन 7.36 लाख नौकरी दी गई।
मोदी सरकार के पहले 5 साल में औसतन हर साल 3.50 लाख नौकरियां। पूरे 53% कम— Abhinav Pandey (@Abhinav_Pan) February 24, 2021
जलपाईगुड़ी डिस्ट्रीक्ट किसान कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा कि मोदी सरकार ने हर साल 2 करोड़ नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन भारत सबसे अधिक बेरोजगारी झेल रहा है। वो मोदी सरकार से पूछ रहे हैं कि कहां हैं 2 करोड़ जॉब। इसके साथ ही एक फोटो भी है जिसमें लिखा है कि करोड़ो युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। किसी चैनल पर कोई बहस नहीं, न ही कोई सवाल न ही दंगल ना ही हल्ला बोल।
Modi promised to offer 2 crore jobs every year.
India is now suffering from highest unemployment in last 45 years
Where is 2 crore Jobs every year? #modi_job_do #modi_rojgar_do #मोदी_नौकरी_दो pic.twitter.com/ypiJcNnA7O
— Jalpaigurai District Kisan Congress (@kisan_district) February 25, 2021
मनीष मीना नाम के एक व्यक्ति ने लिखा है कि भारत में पिज्जा डिलीवरी 30 मिनट में होती है। इलेक्शन की डेट कंडक्ट करने में 7 दिन लगते हैं। इलेकिशन रिजल्ट 1 महीने में आ जाता है। सरकारी नौकरी के लिए एग्जाम 1 साल में होता है। रिजल्ट 4 से 5 साल में आता है और सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए अगले चुनावों तक का इंतजार करना पड़ता है।
In India:
Pizzza delivery : 30 mint
Election conduct date : 7 days
Election result date : 1 month
Gov JOBS paper conduct date :1 yr
Gov jobs results date : 4-5 yr
Gov jobs joining letter : wait for till next election . #modi_rojgar_do#modi_job_do #modi_job_do pic.twitter.com/7Y3pTs94C1— Manish Meena (@ManishM65215847) February 25, 2021
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी मोदी सरकार को घेरते हुए लिखा कि “किसान परेशान, बेरोज़गार युवा परेशान , आम इंसान परेशान” मोदी सरकार ने देश के हर वर्ग को ठगने का काम किया है बस अपने मित्रों ”अडानी-अम्बानी” को फ़ायदा पहुँचाया है।
“किसान परेशान, बेरोज़गार युवा परेशान , आम इंसान परेशान” मोदी सरकार ने देश के हर वर्ग को ठगने का काम किया है बस अपने मित्रों ”अडानी-अम्बानी” को फ़ायदा पहुँचाया है।#modi_job_do#मोदी_रोजगार_दो
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) February 25, 2021
वरिष्ठ पत्रकार अजित अंजुम ने भी लिखा कि मोदी उधर बंगाल के लड़कों को रोजगार देने का वादा कर रहे हैं। इधर पूरे देश के लड़के #मोदी_रोजगार_दो और #modi_raojar_do #modi_job_do के नारे बुलंद कर रहे हैं। ये सब पढ़ लिखकर पकौड़ा तलने को तैयार नहीं।
देश के बेरोजगारों ने पूरी दुनिया में #modi_job_do के नारे को बुलंद कर दिया है .
अब विश्वगुरु बेरोजगारी में न बन जाएं .
स्टेडियम अपने नाम करवा लें या मीडिया से अपने नाम का दिन रात का डंका बजवा लें , बेरोजगारों की युवा सेना को क्या जवाब देंगे .
वो पकौड़ा तो बेचने से रहे https://t.co/eJ46XCKPnW— Ajit Anjum (@ajitanjum) February 25, 2021
अनुपम जो कि युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय संयोजक हैं और हमेशा छात्रों के लिए आवाज उठाते हैं उन्होंने लिखा कि युवाओं को समझ लेना चाहिए कि सरकारी नौकरियां में जो हो रहा है वो कोई लापरवाही या गलती नहीं, बल्कि एक सोची समझी नीति है। सरकारी भर्तियां न निकालना, वैकेंसी घटाना या प्रक्रिया धीमा रखने का एक कारण है कि मोदी जी अंततः सब कुछ बेचना चाहते हैं या निजी क्षेत्र से लेटरल एंट्री चाहते हैं।
युवाओं को समझ लेना चाहिए कि सरकारी नौकरियां में जो हो रहा है वो कोई लापरवाही या गलती नहीं, बल्कि एक सोची समझी नीति है।
सरकारी भर्तियां न निकालना, वैकेंसी घटाना या प्रक्रिया धीमा रखने का एक कारण है कि मोदी जी अंततः सब कुछ बेचना चाहते हैं या निजी क्षेत्र से लेटरल एंट्री चाहते हैं।
— अनुपम | Anupam (@AnupamConnects) February 25, 2021
साथ ही उन्होंने लिखा कि रिहाना के एक ट्वीट पर केंद्र सरकार का बयान आ जाता है, भारतीय युवाओं के लाखों ट्वीट के बाद भी इनके कानों पर जूं नहीं रेंगती। मोदी जी, आप जितना महत्व रिहाना को देते हैं, उतना अपने देश के युवाओं को क्यों नहीं देते।
रिहाना के एक ट्वीट पर केंद्र सरकार का बयान आ जाता है, भारतीय युवाओं के लाखों ट्वीट के बाद भी इनके कानों पर जूं नहीं रेंगती।
मोदी जी, आप जितना महत्व रिहाना को देते हैं, उतना अपने देश के युवाओं को क्यों नहीं देते?#modi_job_do #modi_rojgar_do
— अनुपम | Anupam (@AnupamConnects) February 25, 2021
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