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दिल्ली विश्वविद्यालय खोलने की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के सभी कॉलेज लॉकडाउन के बाद से ही बंद हैं जिनको 20 महीनों से भी अधिक समय हो चुके हैं। इसी के विरोध में छात्र डीयू के कला संकाय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। आपको बता दें कि छात्र कॉलेज खुलवाने की मांग को लेकर 1 महीने से यह प्रदर्शन कर रहे हैं। समय के साथ-साथ यह प्रदर्शन जोर पकड़ रहा है और अब तक करीब 200 से अधिक छात्र लगातार धरने पर बैठे है। वर्तमान में लगभग हर तरह की गतिविधियां शुरू हैं केवल शिक्षण संस्थानों को ही अभी तक पूरी तरह खोला नहीं गया है। इसी को लेकर छात्र अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

छात्रों का क्या कहना है?
डीयू की छात्रा और केवाईएस की सदस्य (ज्योति) का कहना है कि अगर मंदिर, मॉल, पब, इत्यादि खुल सकता है तो डीयू अपने कॉलेज क्यों नहीं खोल सकता। ज्योति ने यह भी बताया कि सरकार कोरोना की आड़ में नई शिक्षा नीति को लागू करना चाहती है जो छात्रों के हित में नहीं है। सरकार उसे वापस लें। डीयू के छात्र (प्रभात) ने बताया कि कॉलेज के शिक्षक खुद भी यह मान रहे हैं कि वह छात्रों को ऑनलाइन वह शिक्षा नहीं दे पा रहें है जो शिक्षा उन्हें ऑफलाइन प्राप्त हो सकती है।

क्या है पूरा मामला
कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में सभी शिक्षा संस्थानों को बंद रखने के लिए कहा गया। कोरोना के मामलो में कमी के चलते जहां तमाम स्कूल और कॉलेज खोल दिए गए है तो वही डीयू के कॉलेज अभी तक बंद पड़े हैं और छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा है। भारत में लॉकडाउन के बाद सरकार द्वारा स्कूल और कालेज को भी खोल दिए गए। लेकिन डीयू ने अपने कालेज को बंद ही रखा है। 2 साल से बंद कॉलेज और पढ़ाई पर ख़राब असर को देखते हुए केवाईएस, आइसा, डीएसयू, एसएफआई जैसे तमाम छात्र संघठन 8 नवंबर से प्रदर्शन पर बैठे हैं। जिन्हें कॉलेज के बाकी छात्रों का साथ भी मिल रहा है। आपको बता दें आइसा (AISA) के सदस्य 5 दिनों तक भूख हड़ताल पर भी बैठे थे इसके बावजूद विश्वविद्यालय का कोई भी अधिकारी उनकी मांगों को पूरा करने या सुनने नहीं आया है।


वाईस-चांसलर का जलाया पुतला
7 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों ने वाईस-चांसलर योगेश सिंह से मिलने की मांग की। मिलने की उनकी मांग को अस्वीकार करने पर प्रदर्शनकारियों ने योगेश सिंह का पुतला फूंका। जिसके बाद योगेश सिंह ने मांग को स्वीकार करते हुए 10 तारीख को मिलने को कहा। योगेश सिंह ने कहा कि वह कॉलेज को आपदा प्रबंधन संघ (डीडीएमए) से मंजूरी मिलने के बाद ही खोलेंगे हालांकि छात्रों का कहना है कि इससे पहले भी परिसर द्वारा यह बात कहा गया था कि शारीरिक कक्षाएं शुरू करने का फैसला दीवाली के बाद लिया जाएगा मगर दीवाली के बाद डीयू प्रशासन की तरफ से कोई नोटिस ज़ारी नहीं किया गया। छात्रों ने बताया कि उन्होंने एक सर्वेक्षण किया है, जिसके अनुसार अधिकांश छात्र कक्षाओं के लिए परिसर में लौटने को तैयार हैं।

छात्रा ने की ख़ुदकुशी
केवाईएस के सदस्य नलिनी ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा की प्रणाली दलित, गरीब, इत्यादि लोगों को शारीरिक रूप की पढ़ाई से वंचित कर देती है। ऑनलाइन क्लास कई कारणों की वजह से सभी के लिए मुमकिन नहीं है। छात्रा से बात करने पर पता चला कि लॉकडाउन के दौरान ऐश्वर्या रेड्डी नामक एलएसआर की छात्रा ने खुदकुशी कर ली क्योंकि घर के हालात सही ना होने के कारण उसे ऑनलाइन क्लास के लिए सुविधा नहीं मिल पाई। ऐसे ही कई छात्र है जो ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा नहीं ले पा रहे है। छात्रों ने यह भी बताया कि उन्होंने एक सर्वेक्षण किया है, जिसके अनुसार अधिकांश छात्र कक्षाओं के लिए परिसर में लौटने को तैयार हैं।

कॉलेज बंद करने के पीछे मंशा पर उठे सवाल
केवाईएस (KYS) ने कॉलेज बंद करने के पीछे सरकार कि योजना को बताया है। केवाईएस का कहना है कि प्रशासन कॉलेज बंद करने की आड़ में एनईपी (NEP) और एफयूपी (FUP) जैसी नीति लागू करना चाहती है जो छात्र विरोधी व जनविरोधी नीति है। छात्रा ने बताया कि इससे पहले भी डीयू प्रशासन यह नीति ला चुकी है जिसे छात्रों के विरोध के बाद वापस ले लिया गया था।


कब खुलेंगे कॉलेज
आपको बता दें छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) इस विरोध का हिस्सा नहीं थी, क्योंकि उनका दावा है कि परिसर को फिर से खोलने पर उन्हें प्रशासन की तरफ से आश्वासन मिला है। एबीवीपी के दिल्ली राज्य सचिव ‘सिद्धार्थ यादव’ ने बताया कि वर्तमान में ऑफ़लाइन खुली किताब की परीक्षा चल रही है जिसके तैयारी के लिए छुट्टियां भी दी गई हैं। उन्होंने ने कहा कि डीयू प्रशासन ने हमें बताया है कि नए सेमेस्टर के लिए कक्षाएं 1 जनवरी, 2022 से फिर से ऑफ़लाइन शुरू होंगी।

Disclaimer: इस लेख में अभिव्यक्ति विचार लेखक के अनुभव, शोध और चिन्तन पर आधारित हैं। किसी भी विवाद के लिए फोरम4 उत्तरदायी नहीं होगा।

About the Author

अमित सोनी
अमित पत्रकारिता के छात्र हैं

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