दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैम्पस में 39 मंजिला निजी इमारत के विरोध में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे छठे दिन राजा चौधरी की हालत बहुत ही खराब हो गई, जिसके बाद आंदोलनरत छात्र उग्र हो गए। छात्रों के अनुसार यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि सरकारी तंत्र बहरों की तरह बर्ताव कर रहा है और आंदोलनरत छात्रों से मिलने तक कोई नहीं आया। इससे छात्रों के पास विवादित जमीन के अंदर जाकर प्रर्दशन करने के सिवा और कोई चारा नहीं रह गया। हालांकि पुलिस के आश्वासन के बाद छात्रों ने इस चेतावनी के साथ जमीन खाली कर दी कि अगर कोई निर्माण कार्य शुरू किया जाता है तो हजारों छात्र यहां हॉस्टल बनाने को बाध्य होंगे।
डीयू- 39 मंजिला निजी इमारत के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे राजा की तबियत बिगड़ी, अभी भी सरकार ने नहीं ली सुध
कैंपस डेवलपमेन्ट कमेटी के मीडिया संयोजक डॉ रसाल सिंह ने बताया कि “दिल्ली विश्वविद्यालय समुदाय 39 मंजिला इमारत के अवैध निर्माण को रोकने और नॉर्थ कैंपस को इंटीग्रेटेड कैंपस बनाने के लिए संकल्पबद्ध है। हमने धरना और भूख हड़ताल समाप्त की है परंतु हमारा आंदोलन और अभियान जारी रहेगा। अब छात्रों और शिक्षकों के डेलिगेशन संबंधित सरकारी एजेंसियों और मंत्रालयों में जाएंगे और उन्हें मामले की गंभीरता से अवगत कराकर उनसे हस्तक्षेप की मांग करेंगे। जरूरी होने पर फिर धरना, घेराव या भूख हड़ताल की जाएगी।”
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस बारे में दायर याचिका पर 4 दिसंबर को सुनवाई करने जा रही है। छात्र निर्माण कार्य के न रुकने को कोर्ट की अवमानना बता रहे हैं। भूख हड़ताल के छठे दिन राजा चौधरी की हालत बहुत गंभीर हो गई तब डूटा अध्यक्ष डॉ राजीव रे, प्रो विपिन तिवारी आदि शिक्षक तथा सिक्योरिटी गार्ड्स के आग्रह पर राजा अनशन खत्म करने को राजी हो गए।
उपराज्यपाल ने भी इस मामले में अपने अधिकारियों के साथ एक टीम जांच के लिए बनाने को आश्वासन दिया है। छात्रों ने सेमेस्टर परीक्षा को ध्यान में रखकर कुछ समय के लिए प्रदर्शन को स्थगित करने का फैसला किया।
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