बीजेपी नेताओं के अक्सर ऊल जुलूल बयानों पर सोशल मीडिया से लेकर हर जगह खूब किरकिरी तो होती ही है, लेकिन आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी प्रवक्ताओं और समर्थकों की ओर से राष्ट्रवाद और देश प्रेम की नई परिभाषाएं गढ़ीं जा रही है। चिंता की बात ये है कि विपक्ष के एक बयान को देश विरोधी गतिविधियां करार देते हुए उन पर यूएपीए लगा दिया जाता है लेकिन सत्ता में बीजेपी है तो अपने लोगों के विवादित बयानों पर कार्रवाई करना तो दूर बल्कि उसका समर्थन करते हुए दिखाई देती है।
बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत पर शिकंजा कसता जा रहा है। लगता है कंगना के बुरे दिन आ गये हैं। कंगना को कुछ दिन पहले जिस तरह से पद्मश्री से नवाजा गया उस पर सवाल लोग खड़े करते हुए फर्जी ट्वीट करने और सरकार की चापलूसी करने का आरोप लगा ही रहे थे। लेकिन अब यह सम्मान भी वापिस करना पड़ सकता है क्य़ोंकि इन्होंने सम्मान पाकर जहर उगलना शुरू कर दिया। ये सब के सब हम नहीं कह रहे हैं बल्कि संवैधानिक पद पर बैठे लोग भी कहना शुरू कर दिये हैं। कंगना देश से माफी मांगो, कंगना पद्मश्री वापिस करो ये सब ट्विटर पर ट्रेंड भी चला।
एक इंटरव्यू के दौरान कंगना ने कहा कि ‘1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली’। सोशल मीडिया पर यह 24 सेकेंड की क्लिप काफी वायरल हो रही है।
#KanganaRanaut may think India got Independence in 2014 but this cannot be endorsed by any true Indian. This is an insult to millions of freedom fighters who gave up their lives so that present generations can live a life of self-respect & dignity as free citizens of a democracy. pic.twitter.com/o0EtH0hukU
— TIMES NOW (@TimesNow) November 12, 2021
पार्टी की सरकार में भी कुछ लोग वरुण गांधी जैसे होते हैं। जो पार्टी की भाषा में बगावती बन जाते हैं और खुल कर बोलने लगते हैं।
वरुण गांधी ने कहा था कि कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह?
कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) November 11, 2021
इस सोच को मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह? pic.twitter.com/Gxb3xXMi2Z
इतना ही नहीं कंगना के बयान पर तो दिल्ली बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर ने कंगना के बयान पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि ये स्वतंत्रता सेनानियों की बेइज्जती है।
प्रवीण शंकर कपूर ने ट्वीट कर कहा- एक स्वतंत्रता सेनानी पिता का पुत्र होने एवं स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से आने का कारण कंगना रनौत के द्वारा भारत की आजादी को भीख मे मिली आजादी कहना, मुझे आजादी का सबसे बड़ा दुरुपयोग एवं स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग का अपमान लगता है। काश भारत की न्याय व्यवस्था संज्ञान ले”।
एक स्वतंत्रता सैनानी पिता का पुत्र होने एवं स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से आने का कारण #KangnaRanaut के द्वारा भारत की आजादी को भीख मे मिली आजादी कहना मुझे आजादी का सबसे बड़ा दुरुपयोग एवं स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग का अपमान लगता है।
— Praveen Shankar Kapoor (@praveenskapoor) November 11, 2021
काश भारत की न्याय व्यवस्था संज्ञान ले।
कपूर ने कहा कि उन्होंने जो कहा वह बुरा था और अगर कोई प्रावधान है, तो कानून को कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हर स्वतंत्रता सेनानी का परिवार आहत महसूस करता है और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सबसे बड़ा दुरुपयोग है।”
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि ऐसा लगता है कि बयान देने से पहले बॉलीवुड अभिनेत्री ने मलाणा क्रीम ली थी। मलिक ने मांग करते हुए कहा कि कंगना से पद्मश्री अवार्ड वापस लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज की जाए. मलिक ने कहा कि कंगना ने मुल्क के मुजाहिदीने आज़ादी की तौहीन की है, जिन्होंने मुल्क की आज़ादी के लिए अपनी जान दे दी।
Mumbai | We strongly condemn actress Kangana Ranaut’s statement (India got freedom in 2014). She insulted freedom fighters. Centre must take back the Padma Shri from Kangana & arrest her: Maharashtra Minister Nawab Malik pic.twitter.com/xTy2VPFohk
— ANI (@ANI) November 12, 2021
नवाब मलिक ने कहा कि पद्मश्री देने वाले लोगों ने इनको आगे किया है कि आजादी 2014 में मिली, 1947 में आजादी भीख में मिली थी। गांधीजी से लेकर कई स्वतंत्रता सेनानियों का ये अपमान है। कंगना ने जो बयान दिया हम उस बयान की कठोर शब्दों में निंदा करते हैं। जिस तरह से ये कहा जा रहा है कि 1947 की आजादी भीख में मिली थी हमें लगता है स्वतंत्रता सेनानियों को अपमान किया गया है। केंद्र सरकार को उन पर मामला दर्ज उनसे पद्मश्री वापस लेना चाहिए।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा था कि कंगना रनौत का बयान महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का ही नहीं, बल्कि सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान का भी अपमान है’। आनंद शर्मा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और देश को बताना चाहिए कि क्या वह कंगना रनौत की राय का समर्थन करते हैं। अगर नहीं करते हैं तो सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
निंदनीय और पूरे देश को चौंकाने वाला। सुश्री कंगना रनौत का बयान महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल जैसे साहसी स्वतंत्रता सेनानियों और सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद और कई अन्य क्रांतिकारियों के बलिदान का अपमान करता है।
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) November 11, 2021
कंगना की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कंगना रनौत से सभी देशवासियों के लिए माफी मांगने की बात कही है। साथ ही पद्मश्री सम्मान वापस लेनी की बात भी कही। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों को पद्मश्री देने का मतलब है कि सरकार इस तरह के लोगों को बढ़ावा दे रही है।
कभी सुनता हूँ आज़ादी लीज पर है कभी कोई कहता है आज़ादी २०१४ मे मिली है है !!
— Prof Shri Gaurav Vallabhji (@GauravVallabh_) November 10, 2021
कौन सी यूनिवर्सिटी से ये लोग पढ़ कर आये है ?
इस तरह से एक के बाद एक ट्वीट और लोगों की प्रतिक्रिया ने मोदी सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है क्योंकि आरोप लग रहा है कि बीजेपी और मोदी सरकार कंगना को जानबूझकर ऐसे बयान देने कि लिए प्रवक्ता बना रखा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या बीजेपी नेताओं और महाराष्ट्र सरकार के कंगना के विरोध में उतरने पर अब कार्रवाई होगी? क्या कंगना से पद्मश्री सम्मान वापिस लिया जाएंगा?
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